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Unread Passage Class 9 hindi MCQ 2023-24

Unread Passage Class 9 hindi MCQ 2023-24

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Apathit gadyansh mcq with answers class 9th

आप भी अगर कक्षा नौवीं के छात्र न और आप अपठित गद्यांश की तैयारी कर रही है तो आप सभी छात्रों के लिए यहां पर हम कक्षा नवी के लिए अपठित गद्यांश लेकर आ चुके हैं आपको अपठित गद्यांश  किस तरीके से पढ़ना है सारी जानकारी इस पोस्ट में आपको मिलने वाली है। कक्षा नौवीं अपठित गद्यांश हिंदी पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए आप इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें। कक्षा नवी अपठित गद्यांश को अच्छी तरीके से सॉल्व करने के लिए यहां पर आपको नीचे एक अपडेट कर दिया गया है साथ में उसके जिससे आप अपने ही अच्छी तरीके से हल कर पाएंगे।अपठित गद्यांश कक्षा 9 हिंदी mcq 2023 pdf download।



 हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए ,

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए ।

आज यह दीवार परदों की तरह हिलने लगी,

शर्त लेकिन थी कि यह बुनियाद हिलनी चाहिए ।

हर सड़क पर हर गली में हर नगर हर गांव में ,

हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए ।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,

मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए ।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,

हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए ।


प्रश्न - ( क )कवि ने अपनी पीड़ा की तुलना किस की है 


(ख )कवि पर्दे की तरह हिलती दीवार की जगह किसको हिलाना चाहता है ?


(ग )हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए पंक्ति में निहित अलंकारों के नाम लिखिए ?


(घ ) कवि ने किसकी तुलना लाश से की है ?कभी ऐसे लोगों से क्या चाहता है ?


(ङ) कभी किसके विरुद्ध आग जलाना चाहता है और क्यों ?

उत्तर - (क )कवि ने अपनी पीड़ा की तुलना पहाड़ की विशालता से की है ।


(ख )कभी परदे की तरह हिलती दीवार की जगह सामाजिक व्यवस्था रूपी दिवार की नींव को हिलाना चाहता है ।


(ग )हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए पंक्ति ने उपमा और अनुप्रास अलंकार है ।


(घ ) कवि ने अलसाय उदासीन निराशा और निकम्मे लोगों की तुलना लाश से की है कभी ऐसे लोगों से यह चाहता है कि यह अपनी उदासीनता और निराशा छोड़कर रचनात्मक कार्यों में जुट जाएं ।


(ङ) कवि वर्तमान सामाजिक व्यवस्था के विरुद्ध लोगों के हृदय में आग जलाना चाहता है क्योंकि इससे समाज में फैले शोषण भ्रष्टाचार आर्थिक व्यवस्था तथा निराशा हताशा की स्थिति में बदलाव आए ।



                     अभ्यास -3


  बहुत दिनों के बाद

आपकी मैंने जी भर देखी

पक्की सुनहरी फसलों की मुस्कान

बहुत दिनों के बाद ।

बहुत दिनों के बाद

आपकी मैं जी भर कर सुन पाया

धान कूटती किशोरियो की कोकिल कंठी तान

बहुत दिनों के बाद ।

बहुत दिनों के बाद

आपकी मैं जी भर छू पाया 

अपनी गवाही पगडंडी की चंदनवर्णी धूल

बहुत दिनो के बाद ।


प्रश्न -( क )कविता में बहुत दिनों के बाद का बार-बार उल्लेख क्यों किया गया है ?


(ख )कवि को दान कूटती किशोरियों की तान कैसी लगी ?


(ग) कभी अपनी किन-किन इंद्रियों को तृप्त किया ?


(घ ) कवि ने किसकी मुस्कान देखी ? उसे वह मुस्कान कैसी लगी ?


(ङ) गांव की धूल की विशेषता लिखिए ?


उत्तर - ( क ) कविता में बहुत दिनों के बाद का बार-बार उल्लेख इसलिए किया गया है क्योंकि कभी बहुत दिनों बाद अपने गांव आया है यहां का वातावरण उसे बहुत अच्छा लग रहा है ।


(ख ) कवि को धन कूटती किशोरियों की तान कोयल के समान सुरीली लगी |


(ग ) कवि ने अपनी आंख नाक कान और त्वचा नमक इंद्रियों को तृप्त किया ।


(घ ) कवि ने सुनहली रंग के दोनों वाली पकी फसलों की मुस्कान देखी । यह मुस्कान उसे बहुत अच्छी लगी । उसने जी भर कर इसका आनंद लिया ।


(ङ) गांव की धूल की विशेषता यह है कि वह चंदन के रंग जैसी है ।




Apathit gadyansh mcq with answers class 9th

आप भी अगर कक्षा नौवीं के छात्र न और आप अपठित गद्यांश की तैयारी कर रही है तो आप सभी छात्रों के लिए यहां पर हम कक्षा नवी के लिए अपठित गद्यांश लेकर आ चुके हैं आपको अपठित गद्यांश किस तरीके से पढ़ना है सारी जानकारी इस पोस्ट में आपको मिलने वाली है। कक्षा नौवीं अपठित गद्यांश हिंदी पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए आप इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें। कक्षा नवी अपठित गद्यांश को अच्छी तरीके से सॉल्व करने के लिए यहां पर आपको नीचे एक अपडेट कर दिया गया है साथ में उसके जिससे आप अपने ही अच्छी तरीके से हल कर पाएंगे।अपठित गद्यांश कक्षा 9 हिंदी mcq 2023 pdf download।


Apathit gadyansh mcq with answers class 9th|अपठित गद्यांश कक्षा 9 हिंदी अभ्यास -8 pdf डाउनलोड

               

                         अभ्यास - 8


  भारत विविधताओ वाला देश है यहां अनेक धर्म भाषाएं परंपराएं पाई जाती हैं ।फिर भी भारत राष्ट्र की विशेषता अनेक में एकता है । भारत में ऐतिहासिक एकता है । कश्मीर से केरल तक और अटल से कटक तक भारत का इतिहास एक है | देश में भौगोलिक एकता भी पाई जाती है । प्राचीन काल से ही संस्कृत भाषा में राष्ट्रीयता को मजबूत किया है । भारत में सभी धर्म मानने वाले परस्पर दे प्रेम भाव से रहते हैं | देश में खान पान रहन सहन भाषा की विविधताओं के बावजूद राष्ट्रीयता की भावना दिखाई देती है | राजनीतिक दृष्टि से भी भारत एक है भारत एक राष्ट्र है व रहेगा ।


प्रश्न - (क ) उपयुक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए ।

      

( ख ) भारत की विविधताओं वाला देश क्यों कहा जाता है ।

      

( ग ) भारत राष्ट्र की मुख्य विशेषता क्या है ?

     

 ( घ) किन-किन दृष्टिकों में भारत एक है ?

     

 (ङ) भारत शब्द का वाक्य में प्रयोग कीजिए '


उत्तर - (क) शीर्षक - ' विविधता में एकता ' |

        

(ख) भारत में अनेक धर्म भाषाएं  परंपराएं विद्यमान है इस कारण भारत को विविधताओं वाला देश कहा जाता है ।

      

 (ग) भारत राष्ट्र की मुख्य विशेषता 'अनेकता में एकता ' है ।

      

 (घ) ऐतिहासिक ,भौगोलिक एक राजनीतिक दृष्टि से भारत एक है ।

      

  (ङ) प्रयोग - हमें अपने 'भारत ' देश पर नाज है 


यह भी पढ़े

                          अभ्यास - 9


  जिस मनुष्य के हृदय में ईर्ष्या घर बना लेती है वह उन चीजों से आनंद नहीं उठाता जो उसके पास मौजूद है बल्कि उन वस्तुओं से दुख उठाता है जो दूसरों के पास मौजूद है वह अपनी तुलना दूसरों से करता रहता है और इस तुलना में अपने पक्ष के सभी अभाव उसके हृदय पर डंक मारते रहते हैं डंक के इस दाह को भोगना कोई अच्छी बात नहीं है ।मगर ईर्ष्यालु मनुष्य करें भी तो क्या आदत से लाचार होकर उसे  यह वेदना भोगनी पड़ती है ईर्ष्या का यही अनोखा वरदान है ।


प्रश्न -

(क) उपयुक्त गद्यांश का सटीक शीर्षक लिखिए ।

(ख) ईर्ष्यालु व्यक्ति अपनी तुलना किस करता है ।

(ग) ईर्ष्यालु व्यक्ति दुखी क्यों रहता है ?

(घ) ' लाचार ' शब्द के अर्थ लिखिए ।

(ङ) ' मनुष्य 'शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए ।


उत्तर - ( क ) शीर्षक - ' ईर्ष्या ' |


       (ख ) ईर्ष्यालु व्यक्ति अपनी तुलना दूसरों से करता रहता है और इस तुलना में अपने पक्ष के सभी अभाव उसके हृदय पर डंक मारते हैं ।

      

  (ग) ईर्ष्यालु  व्यक्ति इसलिए दुखी रहता है ।क्योंकि वह उन चीजों से आनंद नहीं उठाता जो उसके पास मौजूद है बल्कि उन वस्तुओं से दुख उठाता है जो दूसरों के पास मौजूद है ।


(घ) लाचार - विवश, मजबूर I


(ङ) मानव, नर |

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                       अभ्यास - 10

  

  एकल परिवारों के चलन से मित्रता का महत्व और अधिक बढ़ा है संयुक्त परिवारों के अभाव में विपरीत परिस्थितियां मित्रता की मांग करते हैं ।मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज से अलग उसके अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती ।आता उसके सामाजिक विकास में मित्र की अहम भूमिका रहती है परिचित तो बहुत होते हैं |पर मित्र बहुत कम होते हैं । क्योंकि मैत्री एक ऐसा भाव है |जिसमें प्रेम के साथ समर्पण और त्याग की भावना मुख्य होती है । मैत्री में सबसे अधिक आवश्यक है परस्पर विश्वास । मित्र ऐसा सखा गुरु और माता है । जो सब के स्थानों को पूर्ण करती है ।


 

 (क) उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |

(ख) मित्रता का महत्व अब क्यों बढ़ गया है ?

 (ग) मैत्री में कौन-कौन से भाव सम्मिलित हैं ?


(घ) उपयुक्त गद्यांश का सारांश लिखिए ।


(ङ) मित्र किस-किस के स्थान को पूर्ण करता है ?


उत्तर - (क) शीर्षक - ' मित्र ' ।


        (ख) मित्रता का महत्व अब एकल परिवारों के चलन के कारण बढ़ गया है ।


        (ग) मैत्री में प्रेम समर्पण और त्याग का सम्मिलित होता है ।


       (घ) सारांश - एकल परिवारों के कारण घटनाओं से निबटने के लिए मित्रता आवश्यक है । समाज के बिना व्यएचक्ति के अस्तित्व की कल्पना निरर्थक है समाज में रहकर ही वह मित्र बनता है । मैत्री वह भाव है जो प्रेम समर्पण और त्याग से परिपूर्ण है । विश्वासपात्र मित्र गुरु माता के समान है ।


          (ङ) मित्र , सखा ,गुरु और माता के स्थान को पूर्ण करता है ।

   

        

                         अभ्यास - 1 1


    पुस्तकों का हम सबको बहुत श्रणी होना चाहिए मनुष्य जाति ने आज तक जितना भी ज्ञान तथा अनुभव प्राप्त किया है जो भी अन्वेषण और अविष्कार किए हैं वे सब इनमें  संचित हैं । इनसे हम हर प्रकार का ज्ञान प्राप्त करते हैं यह अध्यापक हमको बिना दंड प्रकार के बिना कुटिल शब्द कहे अथवा क्रोध किए और बिना शुल्क लिए ही शिक्षा दे सकते हैं ।यदि हम जिज्ञासु हैं तो इनमें प्रश्न करेंगे तो यह  हमसे कुछ परीक्ष न रखेंगे इसलिए बुद्धि तथा ज्ञान से पूर्व पुस्तकालय संसार की बहुमूल्य वस्तु है ।


 ( क ) इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए ।


(ख ) हमें किसका ऋणी होना चाहिए |


(ग ) मनुष्य जाति ने ज्ञान तथा अनुभव किस से प्राप्त किया है ?|


(घ ) जिज्ञासु शब्द का क्या अर्थ है ?



  (  ड) संक्षेप में सारांश लिखिएl


उत्तर- (क ) शीर्षक - ' पुस्तक का महत्व ' ।


      (  ख ) हमें पुस्तकों का ऋणी होना चाहिए ।

     

        ( ग ) मनुष्य जाति ने ज्ञान तथा अनुभव पुस्तकों से प्राप्त किया |


        ( घ )  जानने की इच्छा रखने वाला ।


      (   ङ) पुस्तकों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है इन में हमें ज्ञान और अनुभव प्राप्त होता है | यह हमारी हर समय बिना कुछ कहे मदद करने के लिए तैयार रहती है ।अतः हमें इनका आभारी होना चाहिए |




                      अभ्यास - 12


  राम के चरित्र में परिवार राष्ट्र और उच्चतम मानवीय मूल्यों की प्रतिष्ठा की गई है राम एक परिवारिक आदमी के आदर्श है जिससे परिवार संगठित करने के लिए व्यक्तिगत स्वार्थ त्यागना पड़ता है भावनाओं पर नियंत्रण रखना पड़ता है वे एक ऐसे समाज के प्रणेता है जिसमें समस्त गिरिजन आदिवासी लोग जातियां पिछड़े वर्ग का मेलजोल ही सामाजिक अनिवार्यता है वे एक ऐसे पराक्रमी युवा राज हैं जिन्होंने आंतरिक शांति संबंध दायित्व को जंगल की खाक जान कर भी पूर्ण किया है अनेक संघर्षों का सामना करते हुए देश के सीमावर्ती उपद्रव कारी राक्षस साम्राज्य का दमन देश को सुरक्षित किया ।


(क ) उपयुक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए ।


(ख ) राम के चरित्र में किसकी प्रतिष्ठा की गई है ।


(ग ) राम किस समाज के प्रणेता हैं ?


(घ )  स्वार्थ शब्द का विलोम लिखिए ।


(ङ) राम का पराक्रम को लिखिए ।


उत्तर - (क ) शीर्षक -'आदर्श पुरुष राम ' ।


       (ख ) राम के चरित्र में उच्चतम मानवीय मूल्यों की स्थापना की गई है ।


      (ग ) राम सामान्य व्यक्ति के आदर्श आदिवासी तथा पिछड़े वर्ग के प्रणेता है ।


     (घ ) परमार्थ ।


     (ङ) आंतरिक शांति स्थापना के साथ देश के सीमावर्ती राक्षसों का विनाश किया |



                          अभ्यास - 13


अरहर कल्लो से भरी हुई फलियों से झुकती जाती है

उस शोभा सागर में कमला ही कमला बस लहराती  है ।

सरसों दानों की लडियो से दोहरी - सी होती जाती है, .

भूषण का भार संभाल नहीं सकती है कटी बल खाती है 

   है मसे भीगती गेहूं की तरुणाई फूटी आती है ,

यौवन मे माती मटरबेलि अलियो से आँख लड़ाती है।

है कंद धरा मे दाब कोष ऊपर तक्षक बन झूम रहे ,

अलसी की नील गगन में मधुकर दृग - तारों से झूम रहे 

मेथी में जो विचार रही तितली वो सोए में सोई,

उसकी सुगंध मादकता में सुध बुध खो देते सब कोई ।


प्रश्न - ( क ) यह कविता किस मौसम की ओर संकेत कर रही है ?

(ख) सरसों बार-बार क्यों झुकी जा रही है ?

 (ग ) अलसी पर उड़ते फिरते मारे कैसे प्रतीत हो रही हैं ?


  (घ ) गेहूं और मटर को देखकर कभी क्या अनूठी कल्पना करता है ?


(ङ) तितली अपनी सुध बुध कहां और क्यों खो बैठी ?


उत्तर - (क) यह कविता बसंत के मौसम की और संकेत कर रही है जब खेत में फसलें फल फूल से  लद जाती हैं ।


(ख ) सरसों की शरीर पर फली रूपी आभूषण सज गए हैं आभूषणों के भार से वह बार-बार झुकी जा रही है ।


(ग ) अलसी के  फूलों पर उड़ते फिरते भोरे ऐसे प्रतीत हो रहे हैं जैसे दृग - तारों घूम रहे हैं ।


 (घ ) गेहूं की निकलती बालियों को देखकर कवि को लगता है कि उस पर तरुणाई आ गई है मटर को देख कर उसे लगता है कि यौवन के मस्त  मटर की बेल सखियों से आंख लड़ा रही है कवि की कल्पना अनूठी है ।


(ङ) तितली अपनी सुध बुध सोए के पौधे पर बैठकर भूल गई क्योंकि सोए की महक से वह यह भूल गई कि उसे कहां जाना था ।





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