Apathit gadyansh mcq with answers class 9th|अपठित गद्यांश कक्षा 9 हिंदी अभ्यास -8 pdf डाउनलोड
Apathit gadyansh mcq with answers class 9th
आप भी अगर कक्षा नौवीं के छात्र न और आप अपठित गद्यांश की तैयारी कर रही है तो आप सभी छात्रों के लिए यहां पर हम कक्षा नवी के लिए अपठित गद्यांश लेकर आ चुके हैं आपको अपठित गद्यांश किस तरीके से पढ़ना है सारी जानकारी इस पोस्ट में आपको मिलने वाली है। कक्षा नौवीं अपठित गद्यांश हिंदी पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए आप इस पोस्ट को अवश्य पढ़ें। कक्षा नवी अपठित गद्यांश को अच्छी तरीके से सॉल्व करने के लिए यहां पर आपको नीचे एक अपडेट कर दिया गया है साथ में उसके जिससे आप अपने ही अच्छी तरीके से हल कर पाएंगे।अपठित गद्यांश कक्षा 9 हिंदी mcq 2023 pdf download।
अभ्यास -6
कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली
दिल हीं नहीं दिमागो में भी आग लगाने वाली ।
पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे,
और प्रज्ज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे ?
लहू गरम रखने को रखो मन में ज्वलित विचार ,
हिंस्र जीव से बचने को चाहिए किंतु तलवार !
एक भेद है और जहां निर्भय होते नर -नारी !
कलम उगलती आग जहां अक्षर बनते चिंगारी ।
जहां मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले ,
बाहों में बिजली होती होते दिमाग में गोले ।
जहां लोग पालते लहू मे हालाहल की धार,
क्या चिंता यदि वहां हाथ में नहीं हुई तलवार ।
प्रश्न - ( क ) कलम की जगह तलवार की जरूरत कब पड़ती है ?
(ख ) मन में ज्वलित विचार रखना क्यों आवश्यक है ?
(ग ) बाहों में बिजली होती होते दिमाग के गोले मैं निहित अलंकार बताइए ।
(घ ) देश की बड़ी शक्ति किसे कहा गया है और क्यों ?
(ङ) लोगों को तलवार की आवश्यकता कब नहीं रहती है ?
उत्तर - ( क ) कलम की जगह तलवार की जरूरत कब पड़ जाती है जब हिंसक प्राणी से आत्मरक्षा करनी होती है |
(ख ) मन में ज्वलित विचार बनाए रखना इसलिए आवश्यक है ताकि हमारे खून का उबाल कम न होने पाए ।
(ग ) उक्त पंक्ति में अनुसार अलंकार है ।
(घ ) देश की बड़ी शक्ति कलम अथार्त वहां के साहित्य को कहां गया है क्योंकि साहित्य ही है जो लोगों के विचार भावनाओं को जगाए रखता है तथा विचारों में उत्साह जोश बनाए रखता है |
(ङ) जब देश के स्त्री पुरुष निडर होते हैं तथा उनके मन में हर संकट का सामना करने का साहस होता है विचारों में जागरुकता होती है तथा रक्त में उबाल होता है तब लोगों को तलवार की आवश्यकता नहीं पड़ती है ।
अभ्यास -7
जग में सचर - अचर जितने हैं सारी कर्म निरत हैं ।
धुन है एक न - एक सभी को सबके निश्चित व्रत है ।
जीवन भर आपात सह वसुधा पर छाया करता है ।
तुच्छ पत्र की भी स्व कर्म मैं कैसी तत्परता है ।
सिंध - बिहग तरंग पंख को फड़काकर प्रतिक्षण में।
है , निमग्न नित भूमि खंड के सेवन मे रक्षण मे ॥
कोमल मलय पवन घर - घर मे सुरभि बॉट आता है ॥
शस्य सीचने घन जीवन धारण कर नित जाता है ॥
रवि जग मे शोभा सरसाता , सोम सुधा बरसाता ॥
सब है लगे कर्म में कोई निष्क्रिय दृषिट न आता ॥
है उद्देश्य नितांत तुच्छ तृण के भी लघु जीवन का ॥
उसी पूर्ति मे वह करता है अंत कर्ममय तन का ॥
तुम मनुष्य हो अमित बुद्धि बल बिलसित जन्म तुम्हारा ।
क्या उद्देश्य रहित है जग में तुमने कभी बिचारा ?
बुरा न मानो एक बार सोचो तुम अपने मन में ।
क्या कर्तव्य समाप्त कर लिया तुमने निज जीवन में ?
प्रश्न (क ) मलय पवन अपने कर्म में कैसे तत्पर रहता है
(ख ) बादल नित्य नया जीवन क्यों धारण करते हैं ?
(ग ) सिधु रूपी बिहग अपना कर्म कैसे करता रहता है?
(घ ) तुच्छ पत्ता अपने काम में किस तरह तत्पर रहता है इससे आपको क्या प्रेरणा मिलती है ?
(ङ) कभी मनुष्य से क्या सोचने के लिए कह रहा है और क्यों ?
उत्तर - ( क ) मलय पवन हर घर में खुशबू बांटता रहता है इस तरह वह अपने कर्म में तत्पर रहता है ।
(ख ) बादल नित्य नया जीवन इसलिए धारण करते हैं ताकि फसलों की सिंचाई कर सके।
(ग) सिंधु रूपी विहग अपने तरंग रूपी को प्रशिक्षण फड़फड़ाते हुए धरती की रक्षा करते हुए अपना कर्म करता है।
(घ ) तुच्छ पत्ता जीवन भर धूप सहता है और धरती को छाया प्रदान करता है यह अपने कर्म में दिन रात तत्पर रहता है इससे हमें भी कर्म में लीन रहने की प्रेरणा मिलती है ।
(ड ) कवि मनुष्य से यह सोचने के लिए कह रहा है कि एक बार तुम यह सोचकर तो देखो कि क्या तुमने अपना
कतर्व्य पूरा कर लिया है क्योंकि तुम तो असीमित बल और बुद्धि लेकर जन्म लिए हो फिर तुम्हारा जीवन उद्देश रहित हो ही नहीं सकता है ।
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