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Jivan Parichay In Hindi |जीवन परिचय

जीवन परिचय (Biography in Hindi)  |jivan parichay

 

जीवन परिचय (Biography in Hindi)  |jivan parichay

जीवन परिचय : आज की इस पोस्ट में हम आपको जीवन परिचय बताने वाले है। जीवन परिचय जो सभी class में पूछे जाने वाले question है।सभी जीवन परिचय आज की पोस्ट में बताने वाले है।जीवन परिचय in hindi के सभी महत्वपूर्ण जीवन परिचय बताने वाले है। चाहे आप किसी भी बोर्ड के छात्र हो आप सभी के लिए जीवन परिचय most imp जीवन परिचय बताने वाले है।


जीवन परिचय| Jivan Parichay In Hindi

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प्रेमचंद का जीवन परिचय,हरिशंकर  परसाई का जीवन परिचय,महादेवी वर्मा का जीवन परिचय,

.हजारी प्रसाद द्विवेदी का जीवन परिचय,


     जीवन परिचय

                            प्रेमचंद



जीवन परिचय-प्रेमचंद वास्तविक नाम धनपतराय था प्रेमचन्द का जन्म 31जुलाई 1880 को बाराणसी जिले से लमही ग्राम में हुआ था शिक्षा विभाग में नौकरी करते हुए यह निरीक्षक हो गए किंतु नौकरी के कारण इनका लेखन कार्य नहीं हो पाता था इसलिए नौकरी छोड़कर इन्होंने अपना जीवन साहित्य साधन में लगा दिया 18 अक्टूबर 1936 ईस्वी को उनकी मृत्यु हो गई ।

रचनाएं -गोदान कर्मभूमि पंच परमेश्वर बूढ़ी काकी , बडे घर की बेटी ।

भाषा -शैली -प्रेमचंद्र की पहली उर्दू में लिखते थे परंतु बाद में हिंदी में लिखना आरंभ किया इसलिए इनकी भाषा सरल सीधी-सादी चुस्त तथा मुहावरे दार है इनकी शैली मंजी हुई स्वभाविक एव आकर्षक हैं सरस और प्रवाहपूर्ण शैली का प्रयोग इन्हीं कहानियों में रोचकत प्रदान करता है ।


साहित्य में स्थान -हिंदी  साहित्य जगत में प्रेमचंद्र जी एक श्रेष्ठ कहानीकार एव उपन्यास सम्राट के रूप में जाने जाते हैं ।

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                      2 . हरिशंकर  परसाई


जीवन परिचय - हरिशंकर परसाई का जन्म मध्य प्रदेश में होशंगाबाद जिले में इटारसी के निकट जमानी नामक गांव में 22 अगस्त1924 को हुआ था । एम . ए की परीक्षा उत्तीर्ण  करने के पश्चात अपने अध्ययन का कार्य किया । इनकी मृत्यु 10 अगस्त 1955 को हो गई ।

रचनाएँ - रानी नागफनी की कहानी हंसते हैं रोते हैं विकलांग श्रद्धा का दौर ठिठुरता हुआ गणतंत्र आदि ।

भाषा - शैली - हरिशंकर परसाई की भाषा सरल एंव व्यावहारिक है। वाक्य छोटे-छोटे व्यंग प्रधान हैं । अपनी रचनाओ मे अपने संस्कृत उर्दू अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग किया  है । कहावतो का प्रयोग किया है। अपने व्यंग्यात्मक प्रश्नात्मक , विवेचनात्मक , सूत्रात्मक एव भावात्मक शैली को अपनाया है।


साहित्य मे स्थान - परसाई जी हिंदी के श्रेष्ठ व्यंग लेखक है । व्यंग्य लेखन मे आपको सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है।

               

                  3 .महादेवी वर्मा


जीवन परिचय - महादेवी वर्मा का जन्म सन 1907 में उतर प्रदेश के फर्रुखाबाद शहर में हुआ था ।उनकी शिक्षा दीक्षा प्रयाग में हुई । प्रयाग महिला विद्यापीठ मेप्राचार्य पद पर लंबे समय तक कार्य करते हुए इन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए काफी प्रयत्न किए । सन् 1987 में इनका देहांत हो गया । 


रचनाएं - निहार ,रश्मि , नीरजा ,यामा ,दीपशिखा इनकी प्रमुख रचनाएं है ।जिनमें रेखाचित्र तथा संस्मरण प्रमुख है।अतीत के चलचित्र स्मृति की रेखाएं पथ के साथी, श्रृंखला की कडियाँ उनकी महत्पूर्ण गद्य रचनाएं है।


भाषा शैली - महादेवी वर्मा जी की भाषा सरल , प्रौढ एव स्पष्ट है। शब्द चयन प्रभावपूर्ण और सरस है । आपकी गघशौली भावात्मक एव विचारात्मक है।


साहित्य मे स्थान -हिंदी गंध साहित्य में संस्मरण एव रेखाचित्र लेखन परंपरा को प्रारंम्भ करने का श्रेय महादेवी जी को है । छायावाद की प्रमुख स्तम्भ महादेवी वर्मा को साहित्य अकादमी एंव ज्ञानपीठ पुस्कार से सम्मानित किया गया । भारत सरकार ने उन्हे पद्मभूषण से अलंकृत किया ।


                     4 .हजारी प्रसाद द्विवेदी


जीवन परिचय - आचार्य द्विवेदी का जन्म 19 अगस्त1960 को बलिया जिले के छपरा नाम काम में हुआ था आपके पिताजी पंडित अनमोल दुबे संस्कृत के पंडित थे।आप शिक्षा समाप्त करने के पश्चात अध्यापक के रूप में शांतिनिकेतन काशी हिंदू विश्वविद्यालय एंव पंजाब विश्वविद्यालय में रहे द्विवेदी जी की मृत्यु 19 मई 1919 को दिल्ली में हुई।


रचनाएं - बाढ़ भट्ट की आत्मकथा , अनाम दास का पोथा, अशोक के फूल कुट्जा

भाषा शैली-द्विवेदी जी की भाषा संस्कृतनिष्ठ खडी बोली है। उसमे सरलता गंभीरता विनोदप्रियता और विद्वता का अभूतपूर्ण समन्वय देखने को मिलता है। आपके लेखन मे व्यास गवेषणात्मक, विवेचनात्मक , भावालक और व्यंग्यात्मक सभी शैलिया के रूप दिखाई पड़ते है ।

साहित्य में स्थान -हिंदी साहित्य में आप संस्कृतिक एव ऐतिहासिक निबन्धकार के रूप में प्रतिष्ठित है।


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