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जूल थॉमसन गुणांक क्या है? इसके लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए। आदर्श गैस के लिए इसका मान क्या है?

जूल थॉमसन गुणांक क्या है? इसके लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए। आदर्श गैस के लिए इसका मान क्या है?

अथवा

जूल थॉमसन प्रभाव का उल्लेख करते हुए इसे समझाइए। जूल के सरन्ध्र प्लग प्रयोग का वर्णन करते हुए इसका महत्व बताइए |
अथवा

1. लिण्डे की विधि
2. क्लाउड की विधि

अथवा

आदर्श गैस के लिए सिद्ध कीजिए :  


उत्तर :

जूल थॉमसन प्रभाव(joule Thomson effect)- जूल थॉमसन ने गैसों पर अनेक प्रयोगों के आधार पर निम्न कथन व्यक्त किया -

जब किसी गैस का उच्च दाब वाले क्षेत्र से कम दाम वाले क्षेत्र में रुद्धोष्म प्रसार होता है तो गैस तापक्रम गिर जाता है यानी गैस ठंडी हो जाती है इस घटना को जूल थॉमसन प्रभाव कहते हैं। हाइड्रोजन एवं हीलियम के अतिरिक्त अन्य सभी कैसे इसी प्रकार का व्यवहार करती हैं। प्रत्येक कैसे ठंडा करना होता है उसका तापमान प्रसार से पहले एक निश्चित ताप पर या उसके नीचे लाना आवश्यक है। इस निश्चित ताप को व्युत्क्रमण ताप कहते हैं। ताप व्युत्क्रमण वह ताप है जहां स्थिर एंथैल्पी पर गैस का यदि सरन्ध्र डॉट में से प्रसार किया जाए तो गैस में ना तो शीतलन और ना ही ऊष्मन होगा ।यदि व्युत्क्रमण ताप से अधिक ताप पर गैस को शरण द्वारा प्रसार होने दिया जाए तो वह गर्म हो जाती है और यदि ताप व्युत्क्रमण ताप से कम है तो प्रसार होने पर गैस ठंडी हो जाएगी। जूल थॉमसन प्रभाव में गैस के स्वयं के अणुओं की गतिज ऊर्जा का कुछ भाग गैस के अणुओं के बीच उपस्थित वनडर वाल्स आकर्षण को हटाने के लिए काम में आ जाती है। इसका तात्पर्य यह है कि आदर्श गैसों के लिए जूल थॉमसन प्रभाव शुरू होगा क्योंकि उनके अणुओं के बीच कोई आकर्षण नहीं होता है। यानी आवेश शून्य होगा

इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि स्थिर ताप पर किसी आदर्श गैस की आंतरिक ऊर्जा पर उसके आयतन परिवर्तन से कोई प्रभाव नहीं होता है -

                      dE/dV=0

गैसों को द्रवण करने की विधियां निम्न दो सिद्धांतों पर आधारित हैं -

 1.ठंडी संपीड़ित गैस के एडिया बैटिक प्रसार द्वारा

2.जूल थॉमसन प्रभाव द्वारा


जूल थॉमसन का प्रयोग (experiment of joule Thomson)-

जूल थॉमसन के प्रयोग में एक ऊष्मारोधी नलिका होती है जिसके मध्य में एक सरन्ध्र डॉट लगा रहता है। सरन्ध्र डॉट के दोनों और अत्यंत सुग्राही तापमापी लगे होते हैं ।

सरन्ध्र डॉट के दोनों ओर दो पिस्टन लगे होते है। माना सरन्ध डॉट तथा पिस्टन के बीच कोई गैस भरी है इसका आयतन V ₁ है। अब सरन्ध्र डाट पर धीरे-धीरे दाब P₁  लगाते हैं ।

जूल थॉमसन का प्रयोग (experiment of joule Thomson)-









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