NCERT Solutions for Hindi Core – गद्य भाग – आत्मा का ताप
आत्मा का ताप
(सैयद हैदर रजा)
पाठ के साथ
प्रश्न 1. रजा ने अकोला में ड्राइंग अध्यापक की नौकरी की पेशकश क्यों नहीं स्वीकार की ?
उत्तर - रजा ने अकोला में ड्राइंग अध्यापक की पेशकश इसलिए स्वीकार नहीं की क्योंकि वह बंबई में रहकर जे .जे . स्कूल ऑफ आर्ट ' में कला का अध्ययन करना चाहता था। उसे मुंबई शहर पसंद था । वहां का वातावरण पसंद आया था । गैलरियों व शहरों मे अपने पहले मित्र भी पसंद आ चुके थें ।
प्रश्न 2 . बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रजा ने क्या क्या संघर्ष किए ?
उत्तर - बंबई मे पहले तो लेखक को रहने की उचित व्यवस्था नहीं मिली सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक दफ्तर में काम करके फिर अध्ययन के लिए मोहन आर्ट क्लब जाता फिर सोने के लिए जेकब सर्कल जाता । एक्सप्रेस ब्लॉक स्टूडियो में दिन भर काम करके वहीं के आर्ट डिपार्टमेंट के एक कमरे में फर्श पर सोना पड़ता बाहर रहकर रात ग्यारह - बारह बजे तक गलियों कें चित्र व तरह - तरह के स्केच बनाता रहता । लेखक टाइम्स ऑप इंडिया' के आर्ट डायेक्टर के लिए दिन भर चित्र बनाकर उनसे पैसे कमाकर 1947 में बंबई के जे . जे स्कूल ऑफ आर्ट का नियमित छात्र बन गया । वहाँ से उसने कला अध्ययन सीखा ।
प्रश्न 3. भले ही 1947 और 1948 में महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हो, मेरे लिए वे कठिन बरस थे- रजा ने ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर - भले ही 1947 और 1948 मे महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हों, मेरे लिए वे कठिन बरस थे - रजाने ऐसा इसलिए कहा क्योकि 1947व 1948 मे लेखक के माता - पिता दोनों का देहांत हो गया था । उसके जीवन पर अचानक जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा था ।
प्र० 4. रजा के पसंदीदा फ्रेंच कलाकार कौन थे?
उत्तर - रजा के पसंदीदा फ्रेंच कलाकार पिकासो, सेजॉ, वॉन गॉग, मातीस, शागाल व ब्रॉक थे।
प्रश्न 5. तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है। चित्र इमारत की ही तरह बनाया जाता है-आधार, नींव, दीवारें, बीम, छत; और तब जाकर वह टिकता है यह बात :
(क) किसने किस संदर्भ में कही?
(ख) रजा पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर - यह बात प्रख्यात फ्रेंच फोटोग्राफर हेनरी कार्तिए-बेसाँ ने लेखक के चित्र देखने के बाद कही। ब्रेसाँ चाहते थे कि लेखक जितना प्रतिभाशाली है, उतनी ही प्रतिभा उसकी कला में भी झलके वे चाहते थे कि लेखक की कला का आधार भी श्रेष्ठ हो, चित्र भी श्रेष्ठ हो, उसकी खामियों को समाप्त कर वह उसे एक सर्वश्रेष्ठ चित्रकार बनाना चाहते थे। (ख) इन टिप्पणियों का लेखक पर गहरा प्रभाव पड़ा। रजा ने बंबई लौटकर फ्रेंच सीखने के लिए अलयास फ्रांसे में दखिला लिया फ्रेंच सीखने के लिए उसने उन्हें दो बरस की छात्रवृत्ति भी मिली। उन्हें फ्रेंच सीखकर पेरिस जाने का भी अवसर प्राप्त हुआ। वे एक जाने जाने चित्रकर बन गए।
पाठ के आस-आस
प्रश्न 1. रजा को जलील साहब जैसे लोगों का सहारा न मिला होता तो क्या तब भी वे एक जाने-माने चित्रकार होते ? तर्क सहित लिखिए।
उत्तर - रजा को जलील साहब जैसे लोगों का सहारा न मिला होता तो भी वे एक जाने-माने कलाकार ही होते क्योंकि वे परिश्रमी, कर्मठ व जुझारु व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। जलील साहब के मिलने से पूर्व ही उन्होंने निश्चय कर लिया था कि वे बबई में रहकर ही कड़ी मेहनत करके कला अध्ययन करेंगे। परिश्रमी व्यक्ति को अवश्य सफलता प्राप्त होती है। रजा भाग्य के भरोसे बैठने वाले नहीं थे। उनका कथन था जो अपनी सहायता स्वयं करता है भगवान उन्हीं की सहायता करते हैं। रजा स्वयं युवकों को यही संदेश देते हैं कड़ी मेहनत करो, रुको नहीं रजा अवश्य ही एक जाने-माने चित्रकार होते। प्र०
प्रश्न 2 . चित्रकला व्यवसाय नहीं, अंतरात्मा की पुकार है-इस कथन के आलोक में कला के वर्तमान और भविष्य पर विचार कीजिए।
उत्तर - "चित्रकला व्यवसाय नहीं, अंतरात्मा की पुकार है" यह कथन पूर्णतया सत्य है कि
एक चित्रकार चित्र बनाते समय अपना सर्वस्व उस चित्र में न्यौछावर कर देता है तभी उस चित्र में भाव उभर सकता है। परन्तु आज अर्थात वर्तमान संदर्भ में चित्रकला व्यवसाय अधिक अंतरात्मा की पुकार कम है। कारण आज देशभर में व्याप्त बेरोजगारी, भुखमरी एक कलाकार के पास बेचने के अतिरिक्त
अन्य कोई व्यवसाय ही नहीं है, अत: कला को बेचने के लिए बाजार (जनता) के भावों को अपने चित्र में रखना पड़ता है न कि अपनी अंतरात्मा को। भविष्य की स्थिति और अधिक क्रूर दिखाई देती है। देश में दिन-प्रतिदिन गरीबी रेखा बढ़ती जा रही है। इसके लिए जिस व्यक्ति के पास जो भी हुनर है उसी से अपनी व अपने बच्चों की रोजी रोटी कमानी है।
प्रश्र 3. हमें लगता था कि हम पहाड़ हिला सकते हैं -आपके चरणो में ऐसा सोचते हैं
उत्तर -हमें लगता है कि हम पहाड़ हिला सकते हैं । ऐसा तभी कह सकते हैं जब हमें लगातार दो बार किसी से सफलता मिलती रही हो , हमें स्वयं पर भरोसा होने लगता है। हमारी सोच आशावादी हो जाती है और हम इस प्रकार सोचने लगते है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. जब तक मैं बबई पहुँचा, तब तक जे. जे. स्कूल में दाखिला बंद हो चुका था इस वाक्य को हम दूसरे तरीके से भी कह सकते हैं। मेरे बबई पहुंचने से पहले जे. जे. स्कूल में दाखिला बंद हो चुका था। दिए गए वाक्यों को दूसरे तरीके से लिखिए
(क) जब तक मै प्लेटफॉर्म पहुँचती तब तक गाड़ी जा चुकी थी।
(ख) जब तक डॉक्टर हवेली हुंचता तब तक सेठ जी की मृत्यु हो चुकी थी।
(ग) जब तक रोहित दरवाजा बंद करता तब तक उसके साथी होली का रंग लेकर अंदर आ चुके थे। (घ) जब तक रुचि कैनवास हटाती तब तक बारिश शुरू हो चुकी थी।
उत्तर - (क) मेरे प्लेटफॉर्म पर पहुँचने से पहले गाड़ी जा चुकी थी।
(ख) डॉक्टर के हवेली पहुँचने से पहले सेठ जी की मृत्यु हो चुकी थी।
(ग) रोहित के दरवाजा बंद करने से पूर्व उसके साथी होली का रंग लेकर अंदर आ चुके थे।
(घ) रुचि के कैनवास हटाने से पूर्व बारिश शुरू हो चुकी थी।
प्र० 2. आत्मा का ताप पाठ में कई शब्द ऐसे आए हैं, जिनमें ऑ का इस्तेमाल हुआ है, जैसे-ऑफ, ब्लॉक, नॉर्मल नीचे दिए गए शब्दों में यदि ऑ इस्तेमाल किया जाए तो शब्द के अर्थ में क्या परिवर्तन आएगा? दोनों शब्दों का वाक्य प्रयोग करते हुए अर्थ के अंतर को स्पष्ट कीजिए -
हाल, काफी, बाल
उत्तर - हाल तुम्हारा क्या हाल है?
हॉल - हॉल में क्या हो रहा है ?
काफी उनके पास काफी धन है। काफी - मुझे कॉफी पीनी है
बाल राधा के बाल लम्बे है
बॉल मुझे सफेद बॉल से खेलना है।