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सल्फर के प्रमुख ऑक्सी अम्लों के नाम, सूत्र, ऑक्सीकरण अवस्था, क्षारकता, और संरचना दीजिए class 12th Chemistry

प्रश्न 01:- सल्फर के प्रमुख ऑक्सी अम्लों के नाम, सूत्र, ऑक्सीकरण अवस्था, क्षारकता, और संरचना दीजिए class 12th Chemistry

सल्फर के प्रमुख ऑक्सी अम्लों के नाम, सूत्र, ऑक्सीकरण अवस्था, क्षारकता, और संरचना दीजिए class 12th Chemistry


उत्तर - सल्फर के प्रमुख ऑक्सी अम्लों की नाम, सूत्र, ऑक्सीकरण अवस्था, क्षारकता, और संरचना निम्नलिखित सारणी में प्रदर्शित की गई है


ऑक्सी अम्ल का सूत्र

ऑक्सी अम्ल का नाम

ऑक्सीकरण अवस्था

क्षारकता

H2So3

सल्फ्यूरस अम्ल

+4

2

H2So4

सल्फ्यूरिक अम्ल

+6

2

H2S2o3

थायो सल्फ्यूरिक अम्ल

+2

2

H2So5

पराॅक्सी मोनो सल्फ्यूरिक अम्ल 

+8

2

H2S2o7

पायरो सल्फ्यूरिक अम्ल

+6

2

H2S2o8

पराॅक्सी डाई सल्फ्यूरिक अम्ल (मार्शल अम्ल)

+7

2


संरचना -




प्रश्न 02:- सल्फ्यूरिक अम्ल के निर्माण की संपर्क विधि का सचित्र वर्णन कीजिए 

उत्तर - सल्फ्यूरिक अम्ल के निर्माण की संपर्क विधि निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रदर्शित है

सिद्धांत - शुद्धा और शुष्क सल्फर डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का मिश्रण उत्प्रेरक V2O5 या प्लेटिनम युक्त एस्बेस्टॉस पर प्रवाहित करने पर सल्फर ट्राई ऑक्साइड बनाती है जो जल के साथ सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है 

2So2 + O2 → V2O5 → 2So3


So3   + जल → H2So4


विधि - विधि का वर्णन निम्न प्रकार से है

  1. सल्फर बर्नर - गंधक को भट्टियों  में जलाकर सल्फर डाइऑक्साइड गैस बनाई जाती है 


  1. धूल कक्ष - बनी हुई सल्फर डाइऑक्साइड को धूल कक्ष में से गुजरते हैं तो धूल कक्ष में जलवाष्प का फुआरा छोड़ा जाता है भाप द्वारा भीग कर धूल के कण नीचे बैठ जाते हैं


  1. शीतलक पाइप - गैसीय मिश्रण को ठंडा करने के लिए शीतलक पाइप में से गुजारा जाता है जिससे ताप 100 डिग्री सेल्सियस हो जाता है 


  1. धावन स्तम्भ - इस कक्ष में क्वार्टर के टुकड़े भरे होते हैं एवं ऊपर से ठंडे पानी का फुहारा चलता रहता है जब इस कक्ष में गैसीय मिश्रण गुजारा जाता है तो बचे हुए धूल के कण एवं अन्य अशुद्धियां दूर हो जाती है 


  1. शुद्धीकरण स्तम्भ - इस कक्ष में गंधक अम्ल का फुहारा चलता रहता है इस कक्ष में गैसे  नीचे से प्रवेश करती है एवं गंधक अम्ल द्वारा शुष्क होकर बाहर निकलती है 


  1. आर्सेनिक कक्ष - इस कक्ष में फेरिक हाइड्रोक्साइड होता है जो गैसों में उपस्थित आर्सेनिक के ऑक्साइडो को सोख लेते हैं 


  1. परीक्षण कक्ष - इस प्रकार शुष्क एवं शुद्ध किया हुआ गैसीय मिश्रण संपर्क कक्ष में भेजने के पूर्व उसका परीक्षण किया जाता है परीक्षण कक्ष में प्रकाश की तेज किरण पुंज भेजी जाती है यदि धूल के कण होते हैं तो वे चमक जाते हैं तब इस गैसीय मिश्रण को पुनः शुद्ध किया जाता है

पूर्ण शुद्ध एवं शुष्क सल्फर डाइऑक्साइड  गैस को संपर्क कक्ष में भेजा जाता है 


  1. संपर्क कक्ष - लोहे का बना एक बड़ा कक्ष होता है जिसमें लोहे के कई पाइप लगे होते हैं इन पाइपों में उत्प्रेरक V2O5 या प्लेटिनम युक्त ऐस्बेस्टाॅस भरा रहता है इनका ताप  450 डिग्री सेल्सियस रखते हैं शुद्ध एवं शुष्क सल्फर डाइऑक्साइड वायु से उत्प्रेरक की उपस्थिति में क्रिया करती है और So3 बनाती है

2So2 + O2 → V2O5 → 2So3 (सल्फर ट्राई ऑक्साइड)



  1. अवशोषण स्तम्भ - बनी हुई सल्फर ट्राईऑक्साइड को सांद्र गंधक अम्ल के फुहारे लगे कक्ष में भेजा जाता है इस कक्ष में सल्फर ट्राईऑक्साइड गंधक अम्ल से क्रिया करके ओलियम बनाता है 

H2S2O + H2o     → 2H2SO4

ओलियम                 सल्फ्यूरिक अम्ल


संयंत्र के विभिन्न भागों के नाम - 

  1. पायराइड या गंधक भट्टी 

  2. धूल कक्ष

  3. शीतलक पाइप

  4. धावन स्तम्भ

  5. शुष्कीकरण स्तम्भ

  6. शोधक

  7. परीक्षण बॉक्स

  8. संपर्क कक्ष

  9. आवशोषण स्तंभ 


नामांकित चित्र 



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