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प्रोजेक्ट कार्य कक्षा 5 पर्यावरण project work class 5th Environment mp board project work

 प्रोजेक्ट कार्य कक्षा 5 पर्यावरण project work class 5th Environment mp board project work

प्रोजेक्ट कार्य कक्षा 5 पर्यावरण project work class 5th Environment mp board project work


प्रायोजना-1


1. अपने स्कूल या घर के आसपास कुछ ऐसे लोगों से बात करो, जिन्होंने अपने रोजी-रोटी के लिए कोई जानवर पाला हो, जैसे- ताँगे के लिए घोड़ा, अण्डों के लिए मुर्गियाँ आदि। बातचीत के बिन्दु- 


- कौनसा जानवर है?

- कितने जानवर पाले हैं?

- क्या जानवरों को रखने के लिए अलग जगह है?

- उनकी देखभाल कौन करता है?

- वे क्या खाते हैं?


क्या कभी जानवर बीमार भी पड़ते हैं? तब पालने वाला क्या करता है? अपने इस सर्वे की रिपोर्ट तैयार कीजिए।



उत्तर- हमारे घर के पास अब्बू चाचा रहते हैं। उन्होंने अपने घर में बकरियाँ पाल रखी हैं। जानकारी इस


प्रकार है-


(1) चाचा ने बकरियाँ पाल रखी हैं।

(2) बकरियों की संख्या पन्द्रह है।

(3) बकरियों के लिए घर में अलग से जगह नहीं है। ये बकरियाँ एक कमरे में रहती हैं।

(4) चाचा एवं चाची इन बकरियों की देखभाल करते हैं।

(5) ये बकरियों अनाज के दाने और पत्तियाँ खाती हैं। (6) कभी-कभी ये बकरियाँ बीमार भी पड़ती है।

(7) श्रीमार होने पर पशु चिकित्सालय में इनका इलाज करवाया जाता है।


प्रायोजना-2


2. आप अपने गाँव के किन्हीं तीन ऐसे लोगों से बात करिए, जो मौसमी स्थानांतरण करते हैं, उनके अनुभवों को जानकर लिखिए।


पता करिए- वे किस मौसम में जाते हैं? साथ में कौन-कौन जाता है? कहाँ जाते हैं? उन्हें क्यों जाना पड़ता है? जाकर वो क्या काम करते हैं? उन्हें कितने पैसे मिलते हैं? जाकर वे अपने रहने का इंतजाम क्या करते हैं? उनके बच्चों की स्कूल की पढ़ाई का क्या होता है? वहाँ कौनसी भाषा बोली जाती है?


 उत्तर- हमने अपने गाँव में कुछ लोगों से बातचीत की। इनमें कालू चाचा, रामलालजी और दगडू लालजी से विशेष बातचीत हुई।


ये लोग ठण्ड के दिनों में बाहर गाँव भी जाते हैं। उनके साथ अन्य लोग भी हैं। वे तम्बू बनाकर रहते हैं। ये अपना सामान बेचने जाते हैं। सामान बेचकर धन कमाकर लाते हैं। धन से घर का खर्च चलाते हैं। इनके बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं। ये हिन्दी माध्यम में पढ़ते हैं। वहाँ उनकी भाषा मालवी रहती है।


प्रायोजना-3


3. बच्चे अपने किसी दोस्त रिश्तेदार से बात करें जो हाल ही में किसी जगह हों। दोस्त रिश्तेदार से यात्रा के शुरूआत से वापसी तक के अनुभव को जानें।


पता करें- वे किस मौसम में गए थे? साथ में कौन-कौन था? कैसे गए थे? वाहन? वहाँ पर कौन- कौनसे पेड़ पौधे हैं? वहाँ पानी के साधन क्या है? आसपास कौनसे जीव-जन्तु रहते हैं? वहाँ पर कौन लोग रहते हैं और वे आजीविका के लिए क्या काम करते हैं? खाने-पीने की क्या-क्या चीजे वहाँ पर मिलती हैं? वहाँ कौनसी भाषा बोली जाती है?


उत्तर- हमारे गाँव के कुछ बच्चे ठण्ड के दिनों में अपने रिश्तेदारों के यहाँ गए। इनके नाम सोहन, मोहन और रोशन हैं। ये वाहन से गए थे। इनके गाँवों में खूच हरियाली है। हरे भरे पेड़ पौधे हैं। खेतों में फसलें है। पानी के लिए ट्यूबवेल हैं। गाँव के आसपास नील गायें घूमती फिरती रहती हैं। गाँवों में सभी जातियों के लोग रहते हैं। आजीविका के लिए ये मेहनत मजदूरी करते हैं। कुछ लोग नौकरी पर भी जाते हैं। इनके यहाँ खाने पीने की सभी चीजे मिलती है। फल और सब्जियों ताजी मिलती हैं। ये लोग मालवी व हिन्दी भाषा बोलते है।


प्रायोजना-4


4. अपने आसपास किसी खेत पर जाइए। वहाँ किसानों से बातचीत कर गेहूँ बोने से लेकर फसल कटने तक की जानकारी एकत्रित करिए। गेहूँ की खेती से संबंधित चित्र पत्र-पत्रिकाओं से एकत्र कर प्रोजेक्ट

रिपोर्ट तैयार करें।


उत्तर- हम अपने चाचा के घर गए। उनके खेत पर गए। खेत में गेहूं की फसल खड़ी थी। हमने उनसे गेहूँ बोने से लेकर फसल कटने तक की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।


प्रायोजना-5


5. ऊँचाई पर तापक्क्रम अत्यधिक कम होने और ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए पर्वतारोहियों को ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने के पिक्वर्स/ पोस्टर्स एकत्रित करिये और उनके बारे में लिखिये। 


- ऊँचाई पर जीवनयापन में क्या-क्या मुश्किलें आती हैं? लिखिए।


- कठिनाइयों के समाधान खोजने के लिए वहाँ पर लोग क्या करते हैं? पता करिए और लिखिए।


- आपको यदि किसी बर्फीले स्थान पर जाना हो, तो अपने साथ ले जाने योग्य जरूरी वस्तुओं की सूची बनाइए।

उत्तर- ऊंचाई पर हवा की कमी होतो है। तापक्रम कम रहता है। पर्वतारोहियों को अपने साथ आक्सीजन के सिलेण्डर रखने होते हैं।


कठिनाइयों का समाधान खोजने के लिए लोग आपस में मिलकर रहते हैं और एक दूसरे का सहयोग करते हैं। 


यदि हम किसी बफॉले स्थान पर जाएंगे तो अपने साथ स्वेटर, जैकेट, कम्बल, रजाई आदि ले जाएंगे। खाने-पीने का आवश्यक सामान ले जाएँगे। पर्वत पर चढ़ने के लिए रस्सियों, चेन, तम्बू और आवश्यक दवाइयाँ भी साथ में रख लेंगे।

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