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एटग्रेड-अभ्यास पुस्तिका-कक्षा-7वीं संस्कृत-अध्याय-4 सम्पूर्ण-हल-2023-24 // atgrade abhyas pustika class 6th Sanskrit chapter 4 full solution

एटग्रेड-अभ्यास पुस्तिका-कक्षा-7वीं  संस्कृत-अध्याय-4 सम्पूर्ण-हल-2023-24 // atgrade abhyas pustika class 6th Sanskrit chapter 4 full solution

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चतुर्थः पाठः चाणक्यवचनानि


नमस्कार हमारे प्रिय छात्रों आज हम इस महत्वपूर्ण आर्टिकल के माध्यम से आपको एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका 2023-24 संपूर्ण हल सहित दिया गया है इस पोस्ट में हम आपको कक्षा - 7 पाठ - 4 चाणक्यवचनानि के सभी प्रश्नों के हल देखेंगे जो कि आपकी ऐठ ग्रेड अभ्यास पुस्तिका में दिए गए हैं कक्षा - 7 पाठ - 4 चाणक्यवचनानि आपको इस वेबसाइट पर एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका 2023-24 के सभी विषयों के संपूर्ण हल देखने को मिल जाएंगे । 


छात्रों के मन में अब यह सवाल आ रहा होगा कि  परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। तो हम आपको बता दे की इस साल आपका परीक्षा एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका से आने की बहुत अधिक संभावना है इसलिए आपको कक्षा - 7 की सभी एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका तो अच्छी तरीके से याद कर लेना है। कक्षा 8 की सभी एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका का संपूर्ण हल आपको हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिल जाएगा। जिसे आप skteach.com पर आसानी से देख और पड़ सकते है। जिससे आप अपने एग्जाम के तैयारी कर सकते है 



कक्षा-7 विज्ञान - अध्याय - 3 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

कक्षा-7 विज्ञान - अध्याय - 6 जीवों में श्वसन

कक्षा-7 विज्ञान - अध्याय - 8 पादप में जनन

कक्षा-6 हिंदी - पाठ 2 कटुक वचन मत बोल

कक्षा 6 हिन्दी पाठ- 4 अपना हिन्दुस्तान कहाँ है? 

कक्षा-7 हिन्दी पाठ - 3 मेरी वसीयत

कक्षा-7 हिंदी पाठ-4 - दो कविताएँ पाठ  

कक्षा-7 हिंदी पाठ 5 - मध्यप्रदेश का वैभव

कक्षा-7 हिंदी पाठ 7 नीति के दोहे

कक्षा-6 सामाजिक विज्ञान - अध्याय-3 आरंभिक नगर 

Class 6th English Lesson-2 The Swing  

Class 7 - English - Lesson 2 - The Wise Man-I

कक्षा - 7 पाठ - 4 बलाद् बुद्धिर्विशिष्यते




भारत के प्राचीन इतिहास में मील का पत्थर कहे जाने वाले मौर्य काल में चन्द्रगुप्त नामक साधारण बालक ने अपने गुरु महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य की नीतियों का अनुसरण करते हुए 'पाटलिपुत्र' के तत्कालीन कूटनीतिज्ञ राजा घनानन्द का समूल विनाश कर स्वयं राजा बन गया तथा भारतीय इतिहास में -अमर हो गया। इसी सम्राट चन्द्रगुप्त के दरबार में अमात्य पद को सुशोभित करते हुए आचार्य चाणक्य ने 'अर्थशास्त्र' तथा 'चाणक्यनीति' इन दो महान ग्रन्थों का प्रणयन किया। ये दोनों ग्रंथ केवल भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण संसार के लिए पथप्रदर्शक सिद्ध हुए हैं। जहाँ 'अर्थशास्त्र' में हमें आर्थिक नीतियों की शिक्षा मिलती हैं, तो वहीं 'चाणक्यनीति' में व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा मिलती है। चाणक्य की नीतियाँ जितनी तत्कालीन समाज में प्रासंगिक थी, उतनी आज भी हैं। प्रस्तुत पाठ 'चाणक्यवचनानि' में 'चाणक्यनीति' ग्रंथ की कुछ सुमधुर उक्तियों का संग्रह है। हम इन सूक्तियों के माध्यम से चाणक्य के द्वारा बताये गये व्यवहारिक ज्ञान के विषय में विस्तार से पढ़ेगे और उनका अनुसरण करेगें।


रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे। रामेणाभिहता निशाचरचमूः रामाय तस्मै नमः ।। रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोऽस्म्यहम् । रामे चित्तलयः सदा भवतु मे हे राम! मां पालय।।



निर्देश : बहुविकल्पीय प्रश्न -


प्रश्न 1. मानम् इच्छन्ति - (पृ. 12 श्लोक 2 )

SKT-701, 702, 710


(अ) अधमाः

(ब) अन्याः

(स) उत्तमाः

(द) मध्यमाः


उत्तर- (स) उत्तमा:


प्रश्न 2. सुखार्थी न प्राप्नोति - (पृ. 12, श्लोक 4 )

SKT - 701, 702, 710


(अ) धनम्

(स) शक्तिम्

(ब) विद्याम उत्तर

(द) सुखम्


उत्तर- (ब) विद्याम्



निर्देश : एकपदेन उत्तर लिखत-


प्रश्न 3. के धनमिच्छन्ति ? (पृ. 12, पैरा - 03, श्लोक -02 )

SKT-701, 702, 709, 710


उत्तर- "अद्यमा:


प्रश्न 4. चन्द्रगुप्तमौर्यस्य गुरु: क: आसीत् ? (पृ. 12, पैरा - 01 ) SKT-701, 702, 709


उत्तर- चाणक्य:


प्रश्न 5. प्रवासे मातृसदृशी का? (पृ. 12, श्लोक -06)

SKT-701, 702, 703, 711


उत्तर- विद्या


प्रश्न 6. पुच्छे कस्य विषं वर्तते ? (पृ. 12, श्लोक -05) SKT-701, 702, 703, 710, 711


उत्तर-  वृश्चिकस्य



निर्देश: एकवाक्येन उतरं लिखत-


प्रश्न 7. मध्यमाः किम् इच्छन्ति ? (पृ. 12, श्लोक -02 ) SKT-701, 702, 703, 710


उत्तर- मध्यमा: घन मानं इच्छन्ति ।


प्रश्न 8. जलबिन्दुनिपातेन क्रमशः कः पूर्यते ? (पृ.-12, श्लोक -03 ) SKT-701, 702, 703, 710


उत्तर- जब विन्दुनिपातेन क्रमश: घट : पूर्यते ।


प्रश्न 9. वनं केन वासितम् ? (पृ. 12, श्लोक -07)

SKT-701, 702


उत्तर- वन पुष्पितेन सुगन्धिना वासितम्


प्रश्न 10. सुखार्थी किं त्यजेत् ? (पृ. 12, श्लोक -04 )SKT-701, 702, 703, 710


उत्तर-  सुखार्थी चेत्यजेत विधाम ।


प्रश्न 11.पदानां विभक्तिं वचनं च लिखत (पृ. 14, पैरा-06 ) SKT-701, 702, 703, 710, 11

यथा राजेशः = राज + ईश: गुण स्वर सन्धि



उत्तर- 

क्र.

पदानि

विभक्तिः

वचनम्


छात्राय

चतुर्थी

एकवचनम्

1.      

बालक:

"प्रथमा

एकवचनम्

2.

रामेण

तृतीया

एकवचनम्

3.

विद्यालयात्

पञ्चम

एकवचनम्

4.

तक्षकस्य

षष्ठी

एकवचनम्

5.

पुत्रेण

तृतीया

एकवचनम्


प्रश्न 12. “सुखार्थी चेत्त्यजेत् ......" इति श्लोक पूरयत ? (पृ. 12, श्लोक -04)


उत्तर-

सुखार्थी चेत्यजेत विद्या, विद्यार्थी चेत्यजेत्सुखम्।

सुखार्थिन: कुतो विद्या विद्यार्थिन कुतरसुखम् ।।

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