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एटग्रेड-अभ्यास पुस्तिका-कक्षा-7वीं  संस्कृत-अध्याय-3 सम्पूर्ण-हल-2023-24 // atgrade abhyas pustika class 7th Sanskrit chapter 3 full solution

एटग्रेड-अभ्यास पुस्तिका-कक्षा-7वीं  संस्कृत-अध्याय-3 सम्पूर्ण-हल-2023-24   atgrade abhyas pustika class 7th Sanskrit chapter 3 full solution


तृतीयः पाठः बलाद् बुद्धिर्विशिष्यते


नमस्कार हमारे प्रिय छात्रों आज हम इस महत्वपूर्ण आर्टिकल के माध्यम से आपको एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका 2023-24 संपूर्ण हल सहित दिया गया है इस पोस्ट में हम आपको कक्षा - 7 पाठ - 4 बलाद् बुद्धिर्विशिष्यते के सभी प्रश्नों के हल देखेंगे जो कि आपकी ऐठ ग्रेड अभ्यास पुस्तिका में दिए गए हैं कक्षा - 7 पाठ - 4 बलाद् बुद्धिर्विशिष्यते आपको इस वेबसाइट पर एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका 2023-24 के सभी विषयों के संपूर्ण हल देखने को मिल जाएंगे । 


छात्रों के मन में अब यह सवाल आ रहा होगा कि  परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। तो हम आपको बता दे की इस साल आपका परीक्षा एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका से आने की बहुत अधिक संभावना है इसलिए आपको कक्षा - 7 की सभी एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका तो अच्छी तरीके से याद कर लेना है। कक्षा 8 की सभी एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका का संपूर्ण हल आपको हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिल जाएगा। जिसे आप skteach.com पर आसानी से देख और पड़ सकते है। जिससे आप अपने एग्जाम के तैयारी कर सकते है 



कक्षा-7 विज्ञान - अध्याय - 3 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

कक्षा-7 विज्ञान - अध्याय - 6 जीवों में श्वसन

कक्षा-7 विज्ञान - अध्याय - 8 पादप में जनन

कक्षा-6 हिंदी - पाठ 2 कटुक वचन मत बोल

कक्षा 6 हिन्दी पाठ- 4 अपना हिन्दुस्तान कहाँ है? 

कक्षा-7 हिन्दी पाठ - 3 मेरी वसीयत

कक्षा-7 हिंदी पाठ-4 - दो कविताएँ पाठ  

कक्षा-7 हिंदी पाठ 5 - मध्यप्रदेश का वैभव

कक्षा-7 हिंदी पाठ 7 नीति के दोहे

कक्षा-6 सामाजिक विज्ञान - अध्याय-3 आरंभिक नगर 

Class 6th English Lesson-2 The Swing  

Class 7 - English - Lesson 2 - The Wise Man-I




संस्कृत भाषा के अन्तर्गत 'कथा साहित्य' सर्वाधिक प्रिय साहित्य माना जाता है। कथा के माध्यम से बालकों को शिक्षित करने एवम् जन सामान्य का मनोरंजन करने की प्रवृत्ति सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त है कथा के माध्यम से दी गई शिक्षा बालकों व जन सामान्य पर हृदयग्राही प्रभाव डालती है। कथा के द्वारा बालकों में बड़ी ही सहजता से मानवीय गुणों का पल्लवन किया जा सकता है। अत एव कथा के द्वारा बालको को शिक्षित करने के लिए संस्कृत भाषा में अनेक नीति कथाएँ तथा लोक कथाएँ लिखी गई है। संस्कृत भाषा में 'विष्णुशर्मा' द्वारा रचित पंचतन्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। पंचतन्त्र में पशु-पक्षियों तथा मनुष्यों को पात्र बनाकर अनेक हृदयग्राही कथाएँ लिखी गयी है। उन्हीं कथाओं में से एक 'बलाद् बुद्धिर्विशिष्यते' नामक कथा है, जिसमें हम 'बल से बुद्धि विशिष्ट होती है' इस विषय में विस्तार से पढ़ेंगे। • कक्षा में बच्चों को अन्य रोचक कथाएँ सुनाकर पाठ आरम्भ करें।



निर्देश : बहुविकल्पीय प्रश्न -


प्रश्न 1. बलाद् विशिष्यते- (पृ. 9. पैरा 8 )


(अ) वृद्धि:

(ब) सिद्धिः

(स) बुद्धि:

(द) ऋद्धिः


उत्तर-(स) बुद्धि:


प्रश्न 2. मृगेन्द्रः अस्ति- (पृ. 088, पैरा 1 )


(अ) वानरः

(ब) गज:

(स) शशकः

(द) सिंह:


उत्तर- (द) सिंह:


निर्देश : एकपदेन उत्तर लिखत-


प्रश्न 3. बलापेक्षया का महत्वपूर्णा ? (पृ. 08, पैरा-06)


उत्तर-  बुद्धि:


प्रश्न 4. क: अतिक्रुद्धः अभवत्? (पृ.-08,1पैरा-13)


उत्तर- सिंह :


प्रश्न 5. कूपे कः कूर्दति ? (पृ. -09, पैरा-15)


उत्तर- सिंह :


प्रश्न 6. बहूनां पशूनां वधं कः करोति स्म ? (पृ.-08, पैरा-09 )


उत्तर- सिंह :


निर्देश: एकवाक्येन उत्तरत


प्रश्न 7 क्षुधया क: पीड़ित: ? (पृ.-08, पैरा-13 )


उत्तर-  तत्र सिंह: तु दुधया : पीडित . आसीत् ।


प्रश्न 8. विलम्बेन कः आगत: ? (पृ. -08, पैरा-13)


उत्तर- विलम्बेन शशकम् आगत.


प्रश्न 9. हे शठ ! कुत्र अस्ति स अपरः सिंहः ? इति कः अवदत् ? (पृ. 08, पैरा-14)  


उत्तर- "क्रोधोद्धत : दुर्मुख : अवदत्


प्रश्न 10. महौजस्वी सिंहः कुत्र वसति स्म ? (पृ.-08, पैरा-09 )


उत्तर- पर्वते दुर्मुखः नाम महौजस्वी सिंह : वसति स्म ।



निर्देश: दीर्घ उत्तरं लिखत-


प्रश्न 11. अधोलिखितशब्दानां सन्धिविच्छेदं कृत्वा सन्धिनाम लिखत - (पृ. 11, पैरा - 02 ) 

यथा राजेश: = राज + ईश: - गुणस्वरसन्धिः


उत्तर- 

क्र.

सन्धिशब्दः

सन्धिविच्छेदः

सन्धेः नाम

1.      

सर्वेश:

सर्व + ईश :

गुणस्वर सन्धि:

2.

देवैकत्वम्

देव+ एकत्वम्

वृद्धिसन्धि

3.

बुध्यैव

बुध्या + एव

वृद्धिसन्धि

4.

मदोन्मत्तः

मद + उन्मत्तः

गुण सन्धि

5.

जलौघः

जब + ओघ :

वृद्धि सान्ध


प्रश्न 12 "बुद्धिर्यस्य बलं तस्य " इति श्लोकं प्रपूरयत? (पृ. -09, पैरा-16)


उत्तर-  बुद्धिर्यस्य बन तरय, निर्बुद्धेस्तु कुतो बलम् ।

          पश्य सिटी मदोन्मत: रोश केन निपातितः ।।





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