विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (vigyan ke Chamatkar wonder of science essay in hindi )
विज्ञान के इस लिखे गये निबन्ध को हम आप लोगो को इस लिखे गए निबन्ध के नवीनतम चमत्कारो से अवगत कराने का प्रयास करते है ।
विज्ञान के चमत्कार पर निबन्ध के बारे मे हम आपको अच्छी तरीके से जानकारी के बारे मे बताने वाले है इस पोस्ट को आप अंत तक पढने का जरूर प्रयास करे बच्चो इसे आपको बहुत अच्छी जानकारी मिलने वाली है हम आपके कक्षा छोटी से बडी कक्षा मे आता है तो चलिए आप इस आर्टिकल को जरूर पढे विज्ञान के चमत्कार पर निबन्ध vigyan ke Chamatkar nibandh )
Vigyan ke Chamatkar per nibandh ine Hindi
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध 10लाइन wonder of science 10 point
1. आज का युग आज का युग विज्ञान है लगभग सभी क्षेत्रों में विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान है।
2 .आज के युग में विज्ञान की शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है
3. हमने विज्ञान के कारण ही चिकित्सा का क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास किया है।
4. घातक बीमारियों में पता लगाने में विज्ञान बहुत ही बड़ा ही बड़ा योगदान है।
5. उद्योगों में भी विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
6. रोबोट मशीन आदि की सहायता से किसी भी कार्य को बड़ी आसानी से और बिना गलती किया कर सकते हैं
7. अनेक भौतिक उपयोगी का साधन करना चाहिए वायु प्रदूषण जल प्रदूषण मृदा प्रदूषण को रोकना चाहिए ।
8. विज्ञान के साथ से ही हम उन सभी असंभव कार्य को कर पाएंगे। जो साधारण आदमी कभी नहीं कर सकता।
9. जिससे हमारा वातावरण और प्रदूषण होता हो उनका बहिष्कार करना चाहिए मोटर आदि वाहने का कम से कम उपयोग करना चाहिए।
10. विज्ञान में जहां में आत्यधुनिक सुविधाओं को प्रदान किया है वही विज्ञान ने हमें कई समस्याओं से उत्पन्न किया है।
विज्ञान के चमत्कार vigyan ke Chamatkar
प्रस्तावना - पृथ्वी पर मानव ने जब से पदार्पण किया है । तब से लेकर आज तक मानव ने विज्ञान के क्षेत्र में जो प्रगति की है उसे देख कर आज हम आश्चर्यचकित हैं ।आज के युग को वैज्ञानिक युग की संज्ञा दी जाती है आज चारों ओर विज्ञान का आधिपत्य है । आज प्रकृति विज्ञान की दासी बन गई है । आज मानव परमाणु युग में प्रवेश कर चुका है । तथा समस्त सृष्टि यंत्रों की भतिक विज्ञान के संकेत पर कार्य कर रही है । हमारे जीवन मे हर पहलू को चमत्कार देखने को मिलेगा ।
विज्ञान : एक वरदान - आज विज्ञान के द्वारा बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी नित्य प्रति की आवश्य दकताओं की पूर्ति हो रही है ।विज्ञान के द्वारा अनेक यातायात के साधन सुलभ हुए हैं ।आज मनुष्य पक्षियों की भांति वायुयान से आकाश में उड़ रहा है और महीनों का मार्ग घंटों मैं तय कर लेता है । साइकिल ,मोटरसाइकिल ,स्कूटर ,कार ,रेल आदि से मानव की सुविधाएं हो गई हैं टेलीफोन ,वायरलैस ,मोबाइल फोन द्वारा मनुष्य हजारों मेरी दूर बैठे अपने मित्र बा संबंधी सेवर तालाब कर सकता है ' टेलीग्राम से संदेश भेज सकता है आज विज्ञान के द्वारा दुनिया सिकुड़ कर छोटी हो गई है विज्ञान ने हमारी शिक्षा संस्कृति रहन -सहन उद्योग - धंधे आदि पर विशेष प्रभाव डाला है ।
स्वास्थ - विज्ञान ने स्वास्थ्य चिकित्साके क्षेत्र में आश्चर्यजनक लाभ पहुंचाया है । विज्ञान के द्वारा मनुष्य के शरीर के भीतर बीमारियों पर काबू पा लिया गया है । आज हमें हैजा , प्लेग ,मलेरिया,चेचक आदि से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । एक्स -रे मशीन के माध्यम से अज्ञात रोगो का पता लगाकर उनका निदान संभव हो गया है आज कैंसर जैसा भयानक रोग भी असाध्य नहीं रह गया है ।
कृषि और उद्योग - कृषि और उद्योग धंधों के विकास में भी विज्ञान ने अत्याधिक सहायता की है । ट्रैक्टर ,नलकूप ,वैज्ञानिक खाद आदि अनेक वस्तुओं का निर्माण किया गया है । जिससे कृषि में आश्चर्यजनक उन्नति हुई है ऐसे ऐसे यंत्रों का अविष्कार हो चुका है । जिसने मानव के श्रम और समय दोनों की बचत हुई है बीज तथा कीटनाशक दवाओं का भी आविष्कार किया गया है ।
शिक्षा और मनोरंजन - शिक्षा तथा मनोरंजन के क्षेत्र में आशातीत प्रगति हुई है । पूर्व में गुरु शिष्य को शिक्षा दिया करते थे परंतु आज शिक्षा पुस्तकों ,पत्र-पत्रिकाओं ,रेडियो ,टेलीविजन,सिनेमा,टेप रिकॉर्डर ,इंटरनेट तथा कंप्यूटर द्वारा संभव हो गई है टेलीविजन अब घडियो के
रूप में भी उपलब्ध हैसिनेमा के क्षेत्र में ऐसा प्रयास किया जा रहा हैकी उपवन का दृश्य आने पर फूलों की सुगंध भी प्रतीत होने लगे ।
जीवनोपयोगी सामग्री - कपड़े बनाने के क्षेत्र में बुनाई की मशीन,प्रेस मशीन ,बिजली के पंख ,रेफ्रिजरेटर,हीटर कूलर ,बिजली का प्रकाश ,गैस के चूल्हे आदि ऐसे अनेक उपकरणों का आविष्कार हो चुका है जो जीवन उपयोगी सामग्री है ।
विज्ञान : एक अभिशाप - विज्ञान ने जहां हमको कई सुविधाएं दी हैं वही दूसरीऔर विज्ञान की कुछ उपलब्धियां मानव जाति के लिए अभिशाप बन गए हैं ।आज ऐसे शास्त्रों का निर्माण हो चुका है जिनसे कुछ क्षणों में लाखों व्यक्ति लाशों के रूप में परिवर्तित हो सकते हैं ।अणु बम तथा हाइड्रोजन बम ऐसे ही विनाशकारी शस्त्र हैं । जापान में हिरोशिमा तथा नागासाकी नगरों का विद्या वंश संसार वाले अभी भूल नहीं पाए हैं ।आज संसार मृत्यु के कगार पर खड़ा है ।विज्ञान ने बड़ी-बड़ी मशीनों और कारखानों के द्वारा उत्पादन अवश्य बढ़ाया है परंतु बेरोजगारी स्पर्धा शेर प्रदूषण आदि समस्याएं भी पैदा की हैं विज्ञान के कारण भौतिकवाद तथा विलासिता भी बड़ी है ।
उपसंहार - वर्तमान युग में बुराइयों का दोष विज्ञान का नहीं विज्ञान के दुरुपयोग का है । विज्ञान का दुरुपयोग करके ही मनुष्य नाना प्रकार की समस्या उत्पन्न कर रहा है । विज्ञान के द्वारा कई प्रकार से लाभान्वित भी हुआ हैआज आवश्यकता इस बात की है कि मानव विज्ञान का उपयोग जनहित मैं करें विनाश में नहीं ।
आज का युग वैज्ञानिक युग है । इस युग में जो चाहु मुखी विकास हो रहा ।है वह इस विज्ञान की ही देन है ।मानव जिज्ञासा ही अविष्कारों की प्रथम सीढ़ी है मनुष्य सबसे बुद्धिमान जीव माना जाता है । और जिज्ञासु मानक की आंखों से कहीं कुछ भी नहीं छुपा है । आकाश हो या पाताल ऊंची नीची पर्वत श्रंखलाए यहां तक कि आकाश की सीमा को पाकर वह चंद्रमा तक जा पहुंचा है |
आज हम अपने दैनिक जीवन में अनेक ऐसी वस्तुओं को इस्तेमाल करते हैं , जिन्हें विज्ञान ने हमें दिया है । जैसे प्रेस , कूलर ,पंखा,टीवी ,फ्रिज और इन सबके लिए जरूरी है बिजली बिजली के बिना हम एक पल भी नहीं रह सकते अंधेरे होते ही हम बड़े आसानी से खटका दबाकर निश्चित हो जाते हैं ।
विज्ञान की सहायता से ही हम आज रसोई में भी अनेक सुविधाएं का लाभ ले रहे हैं ' लकड़ी के चूल्हा और चक्की से हमें कुकिंग गैस से ही छुट्टी दिलाई है । कुकुर मिक्सी जूसर आदि अनेक चीजें बनाकर विज्ञान ने तो रसोई के काम को अत्याधिक सरल बना दिया है ।
इतना ही नहीं आज हम विज्ञान की प्रगति का आंकलन घटती मृत्यु दर से कर सकते हैंक्योंकि विज्ञान में चिकित्सा के क्षेत्र में भी काफी उन्नति की है परिणाम स्वरूप कैंसर हृदय रोग आदि भयंकर प्राण लेवा बीमारियों पर काबू पाया गया है । आज हर क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार से आंखें चकाचौंध हो जाती हैं विज्ञान हमारा शुभचिंतक है साथी है । हितैषी है । किंतु कुछ स्वार्थी तत्वों ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए इसका दुरुपयोग किया है जिससे फल स्वरुप परमाणु बम जैसे घातक हथियार बनाए गए हैं विज्ञान वरदान है । तो वह अभिशाप भी है । रचनात्मक यहां सृजनात्मक कार्यों में विज्ञान का उपयोग पृथ्वी पर मानव का कल्याण कर सकता है । परंतु यदि इसका उपयोग विध्वंसक उद्देश्यों के लिए किया गया तो पृथ्वी पर जीवन का विनाश अवश्यंभावी है ।