वास्तविक मानतथा अवलोकित मान क्या है? यथार्थता एवं परिशुद्धता से क्या समझते हो Bsc 1 Year
दोस्तों यदि आप गूगल पर सर्च कर रहे हैं कि वास्तविक मान क्या है अवलोकित मान क्या है? यथार्थता एवं परिशुद्धता से क्या समझते हो? तो इस आर्टिकल में आपको संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी । दोस्तों आपको बता दें कि यहां पर आपको बिल्कुल सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी यदि आप BSC 1st year, BSC 2nd year या BSC 3rd year के स्टूडेंट्स है तो यह आपके लिए यह बहुत ही मददगार आर्टिकल होने वाला है क्योंकि यह प्रश्न आप के पेपर में हर साल पूछा जाता है इसलिए इस प्रश्न को आप जल्दी से याद कर लें और यहां पर आपको सभी महत्वपूर्ण प्रश्न ही उपलब्ध कराए जाते हैं तो चलिए देखते हैं क्या है - वास्तविक मान क्या है -
वास्तविक, मानक तथा अवलोकित मान (true, standard and observed value :
इसे समझने के लिए इस उदाहरण पर विचार करना पड़ेगा -
उदाहरण- माना एक विश्लेषक एक सिक्के में सिल्वर का प्रतिशत ज्ञात करना चाहता है। तता इसका अवलोकित मान 99.85% प्राप्त करता है। इस मान को अवलोकित मान (observed value) कहा जाता है। यह अवलोकित मान किस सीमा तक शुद्ध है इसे जानने के लिये यह जानना आवश्यक है कि सिक्के में सिल्वर के प्रतिशत का वास्तविक या यथार्थ मान (True or actual value) क्या है ? वास्तविक मान तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब विश्लेषक उपयुक्त विधि तथा उच्च क्वालिटी के उपकरणों का उपयोग करके सिल्वर की प्रतिशत मात्रा का निर्धारण करे। इस प्रकार प्राप्त वास्तविक मान को मानक मान भी कहते हैं। माना सिल्वर की प्रतिशतता का मानक मान 100% है। वास्तविक या मानक मान तथा अवलोकित मान के अन्तर को त्रुटि कहते हैं। इस उदाहरण में त्रुटि का प्रतिशत मान निम्न प्रकार है-
(100.00 99.85) = 0.15%
प्रश्न- 2. यर्थाथता व परिशुद्धता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये
[ इन्दौर 2000, उज्जैन 2000, रीवा 2000, सागर 20001
उत्तर- यथार्थता तथा परिशुद्धता (Accuracy and Precision ) - यथार्थता से यह तात्पर्य है कि अवलोकित मान वास्तविक या मानक मान के कितना समीप है? माना सिल्वर की प्रतिशतता का मानक मान 100% है। वास्तविक या मानक मान तथा अवलोकित मान के अन्तर को त्रुटि कहते हैं। इस उदाहरण में निर्धारण में होने वाली त्रुटि का प्रतिशत मान (100.00 – 99.85) = 0.15% है। इसमें अवलोकित त्रुटि 0.15% है। इसका अर्थ यह है कि विश्लेषक द्वारा प्राप्त परिणाम 0.15% तक यथार्थ है। इसमें विश्लेषण ने केवल एक बार ही प्रयोग करके सिक्के में सिल्वर का प्रतिशत 99.85% प्राप्त किया है। अतः यह नहीं कहा जा सकता कि विश्लेषक द्वारा प्राप्त इस मान को चुनौती नहीं दी जा सकती। यदि वही विश्लेषक पुनः उसी सिक्के में, उसी विधि से परीक्षण करे तो यह आवश्यक नहीं है कि उसे पुनः वही मान 99.85% प्राप्त हो, जो उसे पहले परीक्षण में मिला है। इसी प्रकार यदि कई बार उसी परीक्षण को दुहराया जाये, तो हर बार पहले से कम या अधिक मान प्राप्त होंगे। समान मात्रा में अनेकों परीक्षण से प्राप्त विभिन्न मानों में समीपता को परिशुद्धता (Precision) कहते हैं। यथार्थता तथा परिशुद्धता के अन्तर को नीचे दिये गये उदाहरण द्वारा सरलता से समझा जा सकता है
माना कि दो विश्लेषक (I और II) दिये गये सिक्के में सिल्वर के प्रतिशत का आंकलन करते हैं। सिक्के में सिल्वर के प्रतिशत का मानक मान 100% है। दोनों विश्लेषकों को चार परीक्षणों में निम्नलिखित परिणाम प्राप्त होते हैं -
विश्लेषक 1 :
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