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[2025] टिण्डल प्रभाव क्या है उदाहरण सहित सचित्र वर्णन कीजिए

Tyndal Effect Kya he| टिण्डल प्रभाव क्या है| Tindal Prabhav kya he Class 12th | टिंडल प्रभाव का सूत्र,टिंडल प्रभाव के उदाहरण,टिंडल प्रभाव का चित्र,

Tyndall effect: नमस्कार दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम जानने वाले हैं टिंडल प्रभाव क्या होता है, आप चाहे कक्षा 9 के छात्र हो या कक्षा 12वीं के सभी छात्रों के लिए यहां पर टिंडाल इफेक्ट क्या होता है बताया जाएगा जिसे आप आसान भाषा में समझ पाएंगे साथी साथ टिंडल प्रभाव क्या होता है, टिंडल प्रभाव का सूत्र क्या होता है, टिंडल प्रभावका चित्र कैसे दिखता है इन सभी प्रश्नों के उत्तर भी आपको class by class बताया जाएगा इसलिए बच्चों इस आर्टिकल को ध्यान से पूरा जरूर पढ़ना ।


प्रश्न 01:- टिण्डल प्रभाव क्या है उदाहरण सहित सचित्र वर्णन कीजिए CLASS 12TH

टिण्डल प्रभाव क्या है उदाहरण सहित सचित्र वर्णन कीजिए

उत्तर - टिण्डल प्रभाव - जब प्रकाश किरण कोलाइडी विलियन से निकलती है तो उसका मार्ग प्रदीप्त हो जाता है एवं अंधेरे में एक चमकीले शंकु की तरह दिखाई देता है जिसे टिण्डल शंकु  कहते हैं एवं इस घटना को टिण्डल प्रभाव कहते हैं यह कोलाइडी विलियन का प्रकाशिक गुण है यह प्रभाव कोलाइडी कणों द्वारा प्रकाश किरण के प्रकीर्णन के कारण होता है परिक्षिप्त प्रावस्था एवं परिक्षेपण माध्यम के अपवर्तनांको  में  अंतर जितना अधिक होगा उतना ही अधिक टिण्डल प्रभाव होगा टिण्डल प्रभाव के अनुसार कोलाइडी कण प्रकाश को बिखेर देते हैं जिसके कारण यह चमकने लगते हैं कोलाइडी कण प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करके स्वयं प्रदीप्त  हो जाते हैं और फिर अवशोषित प्रकाश की छोटी तरंगदैर्ध्य की किरणों के रूप में प्रकीर्णन होने लगते हैं 

उदाहरण - 

  1. आकाश या समुद्री जल का नीला दिखना

  2.  अंधेरे कमरे में किसी रोशनदान से आते हुए प्रकाश मार्ग में धूल के कण तैरते हुए दिखाई देते हैं

  3. तारों का टिमटिमाना भी इसी प्रभाव के कारण होता है 


चित्र




प्रश्न 02:- ब्राउनी गति किसे कहते हैं चित्र सहित वर्णन कीजिए

उत्तर :- ब्राउनी गति - कोलाइडी कण विलयन में निरंतर सभी दिशाओं में टेढ़ी-मेढ़ी गति करते हैं इस गति को ही ब्राउनी गति कहते हैं यह कोलॉइडी कणों का गतिक (गतिज)  गुण है इस प्रकार की गति को सबसे पहले वनस्पति शास्त्री रॉबर्ट ब्राउन ने सन् 1827 में सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा था इसलिए इसे ब्राउनी गति कहते हैं विनर  के अनुसार यह गति कोलाइडी कणों के परिक्षेपण माध्यम के अणुओं के साथ आसमान रूप से टकराने से उत्पन्न होती है यह गति वास्तविक विलयन में नहीं पाई जाती 


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प्रश्न 03:- बहते हुए रक्त को रोकने के लिए फिटकरी का प्रयोग क्यों किया जाता है

उत्तर - रक्त में ऋण आवेशित कोलाइडी कण होते हैं जब रक्त बहने वाले स्थान पर फिटकरी लगाई जाती है तो फिटकरी में उपस्थित Al3+ आयन रक्त के ऋण आवेशित कोलाइडी कणों को स्कन्दित करके रक्त का थक्का बना देता है जिससे रक्त का बहना बंद हो जाता है 


प्रश्न 04:- आकाश का रंग नीला दिखाई देता है क्यों

उत्तर - वायुमंडल में उपस्थित धूल के कण एक कोलाइडी विलयन का निर्माण करते हैं इन धूल के कोलाइडी कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन होने के कारण आकाश का रंग नीला दिखाई देता है अर्थात् टिण्डल प्रभाव के कारण आकाश का रंग नीला दिखाई देता है 


प्रश्न 05:- उगता एवं डूबता हुआ सूरज लाल क्यों दिखाई देता है 

उत्तर - सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य क्षितिज पर होता है इस समय सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे मित्रों तक पहुंचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से गुजरता है अतः कम तरंग दैर्ध्य वाले रंग जैसे नीला बैंगनी आदि का प्रकीर्णन हो जाता है तथा अधिक तरंग दैर्ध्य वाले प्रकाश जैसे लाल रंग का प्रकीर्णन कम होता है तथा लाल रंग ही हमारे नेत्रों तक पहुंचता है इसलिए उगता हुआ सूरज एवं डूबता हुआ सूरज लाल दिखाई देता है 


प्रश्न 06:- ताप बढ़ने पर भौतिक अधिशोषण क्यों बढ़ता है

उत्तर - भौतिक अधिशोषण एक ऊष्मा अपक्षेपी प्रक्रम है तथा यह उत्क्रमणीय भी ठोस + गैस =उत्क्रमणीय अभिक्रिया=  अधिशोषण + ऊष्मा भौतिक अधिशोषण कम ताप पर संपन्न होता है तथा तापमान बढ़ने पर यह ली चेटलियर नियम के अनुसार काम होता है 



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