RBSE Board Class 8 Sanskrit Half Yearly Paper 2022 With Solution|8वी संस्कृत अर्धवार्षिक पेपर 2022
Rajasthan Board Exam Overview:
8th Class RBSE Board Model Paper Solution All Subjects:
बच्चों आप के बोर्ड परीक्षा को बेहतर बनाने के लिए राजस्थान बोर्ड द्वारा आपके लिए कक्षा आठवीं के मॉडल पेपर जारी कर दिए गए हैं, इस आर्टिकल में आपको सभी Subjects के मॉडल पेपर्स के सॉल्यूशन(Solution) भी मिलने वाला है । लेकिन सभी बच्चों के मन में एक ही प्रश्न है क्या यह मॉडल पेपर करने से हमारा जो वार्षिक पेपर आने वाला है उसमें कितने अंक इस मॉडल पेपर से पूछे जाएंगे ।
तो बच्चों आपको बता दें जैसा की राजस्थान बोर्ड द्वारा जो आपकी मॉडल पेपर जारी किए गए हैं प्रत्येक विषय में कम से कम पांच सेट दिए गए हैं, ऐसे में आपका जो बोर्ड पेपर बनने वाला है 100% इन पांचों सेटो में से पूँचा जाएगा ।बस आपको सभी विषयों के इन मॉडल पेपर्स को सॉल्यूशन सहित कर लेना है, यदि आप इतना कर लेते हैं तो आपको और कुछ भी करने की जरूरत नहीं है और जैसा की आप जानते हैं कि आपके Daily Smile 3.0 होमवर्क के लिए जाते थे यदि आपने होमवर्क को सही से ध्यान पूर्वक किया है तो आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं है सब कुछ आपका इस्माइल 3.0 होमवर्क से ही आने वाला है ।
RBSE Board Class 8th Board Paper 2022:
बच्चों जैसा कि आपके टाइम टेबल में आपको बता दिया गया है कि आपके 16 अप्रैल से पेपर स्टार्ट होकर 27 अप्रैल तक चलेंगे ।
आपका जो पहला पेपर है 16 अप्रैल को होने वाला है वह गणित विषय का है तो इस आर्टिकल में हम केवल आपको गणित विषय का वार्षिक पेपर ही नहीं बताएंगे बल्कि सभी विषयों के वार्षिक पेपर आपको इस आर्टिकल में देखने को मिलेंगे ।
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Class 8th English Half Yearly Paper 2022
राजस्थान अर्धवार्षिक पेपर 2022-23
सत्र 2022-23 विषय संस्कृत
कक्षा 8
समय 2 घंटे 30 मिनट पूर्णांक 80 अंक
निर्देश :-
1. प्रश्न पत्र में कुल 25 प्रश्न हैं।
2. सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
खण्ड अ
प्र. 1.अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति ?
(अ) अष्टादश
(ब) नवविंशतिः
(स)अष्ट विंशति:
(द) त्रिंशत्
प्र. 2.कर्मदोद्योगे केषाम् उपयोगः भवति ?
(अ) फलानाम्
(ब)वस्ताणाम्
(स) धातूनाम्
(द) वृक्षाणाम्
प्र. 3. विधेहि' इति क्रिया पदे कः लकारः ?
(अ) लृट्
(ब) लोट्
(स) लड्
(द)विधिलिड्
प्र.4.व्याधस्य किन्नाम आसीत्
(अ) चंचलः
(ब)कुन्तलः
(द) ब्रह्मदत
(स) दधिपुच्छ
प्र.5.'त्वम् प्रातः देवीस्तुतिं करोषि । अत्त अव्ययपठं किम् ?
(अ) करोषि
(ब) पुत्रः
(स)प्रातः
(द) देवी
प्र.6.'माता च पिता च' इत्यनयोः समासं कुरूत
(अ) मातापितरे
(ब)मातापितरौ
(स) मातपितरयोः
(द) मातृपितरी
प्र. 7. अध्यापकः सर्वान्.. ...प्रेरितवान ।
(अ) छात्राणां
(ब)छात्रान्
(स) छात्रेभ्यः
(द) छात्रे
प्र. 8. संसारसागराः के कथ्यते ?
(अ) तडागाः
(ब) नद्यः
(स) कृपाः
(द) उपवनानि
प्र.9.संधि विच्छेदम कुसत
(क) यसेव
(ख) अधुनैव
प्र. 10.सर्वनामयुक्तं पदं चिनोतु-
(क) शालीनां भारत जनता अहम्
(ख) मम गीते मुरथं समं जगत्
प्र. 11. धातु प्रत्ययं चलिखत
(क) करणीयम्
(ख) कृत्वा
प्र.12. समुचितानि पदापि चित्वा रिक्त स्थानानि पूरयत
(क) छात्राः पुस्तकानि ... ....विद्यालयं गच्छन्ति(जिज्ञासा, सहसा )
(ख) मम् मनसि एका. वर्तते। (गृहीत्वा रचयन्ति )
प्र.13.अद्योलिखित पदानि आधूत्य वाक्यानि रचयत।
(क) उपरि
(ख) आदानम्
प्र. 14. अद्योलिखित पदानां संस्कृतरूपं (तत्समरूपं ) लिखत-
(क) गोद
(ख) कोख
प्र. 15. 'क' सतम्ये विशेषण पदं दत्तम् 'ख' स्तम्भे च विशेष्यपदम्। तथोर्मेलनम् कुरूत-
ख. स्तम्भः गोष्ठी महत्वपूर्णा मनोदशा जघन्यम् पुत्री क्रीडन्ती कृत्यम्
प्र. 16. अद्योलिखितानां पदानां लिडूंग, विभक्ति, वचनं च लिखत-
क.धुलिम्
ख. नाग्नि
ग.अपर:
घ.कन्यानाम्
प्र. 17.एक पदेन उत्तरं लिखत-
क. व्याधस्य नाम किम् आसीत् ?
ख.स्वकीयं साधनं कि भवति
ग.कुत्र "डिजिटल इण्डिया" इत्यस्य चर्चाभवति ?
घ.गजपरिमाणं कः चारमति ?
ड.ड्र कीदृशं जलं पिबेत् ?
ढ. सावित्री बाई फुले महोदयायाः पित्तोः नाम किमासीत् ?
प्र. 18.अधोलिखितानि प्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन लिखित-
क. अभिवादनशीलस्य कानि वर्धन्ते ?
ख.भगिनीसष्टके कानि राज्यानि सन्ति ?
ग.तड़ागाः कुत्र निर्मीयन्ते स्म ?
घ.अहं कुत्र सदा दृश्ये ?
प्र.19. रेखांकित पदयात्य प्रश्ननिर्माण कुरुत
क. चंचलः वृक्षम् उपगम्य अपृच्छत् ।
ख. मानवाः वृक्षाणां छायायां विरमन्ति
ग.व्याधः व्याघ्र जालात् बहिः निरसारयत् ।
घ.व्याघ्रः लोमशिकायै निखिलां कथां न्यवेदयत्
ड. व्याघ्रः नद्याः जलेन व्याधस्य पिपासामशमयत् ।
प्र.20. मंजुषात पदं चित्वा वाक्यानि लिखत-
छात्र, छात्रा, गवाक्षे, श्यामपटे, घटिका यन्त्रम, कुरुतः, भिती, परीक्षायाः दुश्यते 'बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता' अथवा 'कण्टके नैव कण्टकम्' कथासारे हिन्दी
प्र. 21.भाषायां लिखत।
प्र. 22.अधोलिखित श्लोकस्य हिन्दी भाषायां भावार्थ सिखत- साहित्य सङ्गीत कला विहीन, साक्षात्पशुः पुच्छविषाणहीनः
तृणं न खादपि जीवमानः, तद्भागधेमं परमं पशूनाम् ।।
अथवा
गुणा गुणेषु गुणा भवन्ति, ते निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः ।
सुस्वादुतायाः प्रभवन्ति नद्यः, समुद्रभासाद्य भवन्त्यपेयाः।।
प्र.23.मंजूषायां लिखितानां शब्दानां सहाय्येन कथां लिखत
उपरि, प्रस्तरखण्डान्, जलार्थ, घटं, संतोषः, स्वल्पम् पिबति, तृषितं
प्र. 24. दिन द्वय स्थावकाशार्थम् प्रधानाध्यापकं प्रार्थनापतय् संस्कृते लेखनीयम् ।
प्र. 25. मजूषायां लिखितानां शब्दानां सहायेन निबन्ध लेखनम कुरुत
विद्यालयम् (अस्माकम् छात्र-छात्राश्च, अध्यापकाः, अष्टम् कक्षा, द्विशतं छात्रा)
अथवा
उद्यानम् (विद्यालयस्य समीपे, वृक्षाः खगाः, पूष्पाणि, भ्रमणाम)