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Class 8th होम बेस्ड प्रोजेक्ट कार्य MP Board 2022

Class 8th होम बेस्ड प्रोजेक्ट कार्य MP Board 2022|class 8 varshik Pariksha project kar 2022- 


Home-based Project Karya: नमस्कार दोस्तों इस आर्टिकल में आपको बताया जाएगा कक्षा आठवीं होम बेस्ड प्रोजेक्ट कार्य जो राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा जारी कर दिए गए हैं इस आर्टिकल में आपको हिंदी,अंग्रेजी,विज्ञान सामाजिक विज्ञान, गणित सभी विषयों के होम बेस्ड प्रोजेक्ट  प्रोजेक्ट कार्य का सॉल्यूशन उपलब्ध कराया जाएगा ।जैसा कि आप जानते हैं कि आप के कक्षा आठवीं के वार्षिक परीक्षा के पेपर  एक अप्रैल से लिए जाएंगे ऐसे में पेपर लिए जाने से पहले आपको घर पर 40 अंक का होम बेस्ड प्रोजेक्ट उपलब्ध कराया जाएगा । 

ध्यान रहे कि यह 40 अंक आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाले हैं यह आपको घर पर बैठकर लिखना है इसलिए इस आर्टिकल में आपको कक्षा आठवीं के सभी विषयों के होम बेस्ड प्रोजेक्ट कार्य का सॉल्यूशन यहां पर आपको देखने को मिलेगा.


Note- और इसी आर्टिकल में 1 अप्रैल से होने वाली वार्षिक परीक्षा के रियल पेपर आपको यहां पर उपलब्ध कराए जाएंगे इसलिए आप इस वेबसाइट पर विजिट करते रहिए बहुत जल्द यहां पर कक्षा आठवीं के सभी विषयों के वार्षिक पेपर 2022 के सलूशन सहित आपको यहां पर उपलब्ध कराया जाएगा ।

वार्षिक मूल्यांकन वर्कशीट 2021-22 

प्रोजेक्ट कार्य

कक्षा: 8                                           पूर्णांक 40

विषय -  विज्ञान हिंदी माध्यम


निर्देश - 1.उपरोक्त की पूर्ति परीक्षार्थी स्वयं करें।


2. सभी विषयों के प्रोजेक्ट कार्य एक ही बुकलेट में है। 


3. प्रोजेक्ट कार्य को घर के आस-पास परिवेश में उपलब्ध संसाधन/सामग्री द्वारा व निष्कर्ष निकालकर अपने अनुभवों को वर्कशीट में दिए गए बिन्दुओं में दिए स्थान में लिखा आए 


4. प्रोजेक्ट वर्क को पूर्ण करने में आवश्यकतानुसार अपने माता-पिता, मित्र, भाई-बहन, दादा-दादी आदि संबंधीजनों से भी चर्चा की जा सकती है।


5. प्रोजेक्ट कार्य बच्चे द्वारा पूर्ण करक्षा शिक्षक के पास जमा कराना है। 


          मूल्यांकनकर्ता के उपयोग हेतु 

"इस उत्तरपुस्तिका का मेरे द्वारा मूल्यांकन किया गया। जिसमें प्राप्तांक- (अंकों में). -- - - - - - - - - शब्दों में - - - - - - - - -- ---है।"

दिनांक --- - - -



    (यहाँ से वर्कशीट पर कार्य प्रारंभ करें)

                         खण्ड-ब


निर्देश : प्रश्न को पढ़कर निर्देशानुसार उत्तर लिखिए। 


प्रश्न 1. वनोन्मूलन (वनों की कमी) कमी के कारण, इससे होने वाले परिणाम वन्य प्राणियों के जीवन पर इसका प्रभाव एवं वनोन्मूलन का स्थायी हल सोचना। इन बिन्दुओं पर अध्ययन कर जानकारी एकत्रित कर लिखिए। (A) वनोन्मूलन के कारणों को प्राकृतिक एवं मानव निर्मित में वर्गीकृत करके लिखिए।

क. प्राकृतिक कारण    ख. मानव निर्मित कारण


उत्तर -

क. प्राकृतिक कारण

ख. मानव निर्मित कारण



मरूस्थल को बढाबा

मकान बनाना

वाढ़ आना भूकम्प

खेती करना

सुनामी , चकवात

औद्योगिक इकाई निर्माण



(B) वनोन्मूलन से होने वाले चार दुष्परिणामों की सूची बनाइये ।

क्र. 1.वनोन्मूलन से होने वाले  दुष्परिणामों

2. प्रथवी पर ताप के स्तर में वृद्धि

3. प्रथ्वी पर वर्षा की कमी होगी

4. ग्लोबल वार्मिग के कारण ताप वृद्धि

5. वन्य जीवो की संस्था मे कमी


(c)वनोन्मूलन से वन्य जीवों पर क्या प्रभाव पड़ता है? अपने शब्दों में लिखिए एवं वन्य प्रणियों के चित्र भी चिपकाइये।


उत्तर - वनोन्मूलन के कारण वन्य जीवों की संख्यो मे कमी हो रही है तथा उनके आवास समाप्त होने के कारण वन्यजीव अन्य जीवों की और पत्यायन न कर रहे हो 


(D) राष्ट्रीय उद्यान किसे कहते है ? म.प्र मे स्थित किन्ही दो उद्यानो के नाम लिखिए ।

उत्तर - राष्ट्रीय उधान ऐसा उद्यान होता है जिसे किसी राष्ट्र की प्रशासन प्रणाली द्वारा औपचारिक रूप से सरजित किया गया हो राष्ट्रीय उद्यान कहायाता है ।

राष्ट्रीय उद्यान नाम = 1. कान्हा किसली

2. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान 


(E)वन और वर्षा में क्या संबंध है ?

उत्तर -बनो और वर्षा में संबंध बनो से नमी रहने के कारण तापमान कम हो जाता है तथा जलवायु परिवर्तन होने से वर्षा होती है वर्षा के जल का बहाव बन ओं के कारण कम होनेसे बाढ़ भूस्खलन और बुआ बदन नहीं होने तथा उससे भूमिगत जल स्तर मे वृद्दि होती है।



(F)हमें कागज की वजह तो क्यों करना चाहिए उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते हैं ।

उत्तर -कागज का निर्माण बांस व अन्य पौधों के द्वारा किया जाता है जिनके कारण बनस्पति आर्थत ऐसे पादप जिनसे कागज बनता है।प्रतिवर्ष उनकी भारी मात्रा में कटाई होती है ।

कागज की बचत के उपाय

1.कागज की थैली के स्थान पर कपड़े की थैली का उपयोग करना 

2. कागज का पुनः चक्रण: व पुनः उपयोग करना


प्रश्न. विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों का अध्ययन कर उनसे संबंधित जानकारी एकत्र करना।

(i)सूक्ष्म जीव क्या है

उत्तर - ऐसे जीव जो अत्यन्त छोटे होते है जिन्हें हम खुलीआंखों से नहीं देख सकते उन्हें देखने के लिए हमें सूक्ष्मदर्शी का उपयोग करना पड़ता है उन जी को को सूक्ष्मजीव कहते हैं ।


(ii)सूक्ष्मजीवों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है, नाम लिखिए?

उत्तर - सूक्ष्मजीवों को चार वर्गों में विभाजित किया गया है, 

1. जीवणु

2. कवक

3. प्रोरोजोआ

4. शैवाल आदि ।


(iii)मनुष्य में सुक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले सामान्य रोगों की सूची बनाइए?

उत्तर - क्षयरोग - जीवाणु

        खसरा - वायरस

       चिकन पॉक्स - वायरस

.      पोलियो - वायरस

        हैजा - जीवाणु

        टाइफाइड - जीवाणु


(iv) वर्तमान में भारत वर्ष में कौन-सी महामारी वायरस द्वारा फैल चुकी है? बीमारी का नाम तथा उसके सामान्य लक्षण लिखिए।

उत्तर -वर्तमान में भारत वर्ष में कोरोना (कोविड- 19) वायरस महामारी फैली सामान्य लक्षण:- सर्दी, खाँसी, बुखार गले में खरासी काम स्वादहीन होना, खास लेने में तकलीफ होना इसका लक्षण है


(V) हमारे जीवन में सूक्ष्मजीवों के उपयोग तथा हानिकारक प्रभावों को लिखिए।

उत्तर - सूक्ष्मजीवो के उपयोग :-

1औषधि निर्माण मे

(2)ऐल्कोहल निर्माण मे

(3) सिरका

(4)बेड़

( 5) चमडा साफ करने में

(6) चायपत्ती आदि में उपयोग 

हानिकारक प्रभाव:-

(1)मानव व प्रौधो के रोग उत्पन्न करते है!

(2)भोज्य पदार्थों को दूषित करते हैं ।

Note- अभी इस पोस्ट पर काम चल रहा है बहुत जल्द सभी विषयों के सॉल्यूशन यहां पर उपलब्ध कराए जाएंगे इसलिए आप इस वेबसाइट पर आते रहिए



होम बेस्ड प्रोजेक्ट

कक्षा-8वीं

विषय-संस्कृत


प्रश्न 1. पाठ्यपुस्तकात् केडपि चतुर्महापुरूषाणां नामानि चित्वा तेषां परिचयं योगदान च संस्कृते लिखित-

(पाठ्य पुस्तक से कोई 4 महापुरुषों के नाम लिखकर उनका परिचय योगदान संस्कृत में लिखो)-


उत्तर- 

(i) स्वामी विवेकानंद: - तस्य जन्म जनवरिमासस्य।

द्वादशे दिनांके 1863 ख्रिताब्दे कोलकातानगरे।

योगदान: तेन हिंदू धर्म: संस्कृतिश्च प्रसारित।


(ii) आजाद चंद्रशेखर: - परिचय: चंद्रशेखरस्य जन्म 1906 ख्रिताब्दे अभवत्।

योगदान: स्वाधीनतान्दोलन कारिणां दमनकाले।


(iii) देवी अहिल्या - परिचय: महाराष्ट्र चौड्डीग्राम पञ्चविंशत्युन्तरसप्तदश ख्रिताब्दे (1725) मईमासस्य एकत्रिंशे (31) दिनांके जन्म अभवत्।

योगदान: स्मरामि तस्याः धर्मनिष्ठाम्।


(iv) कालिदासस्य: - परिचय: उज्जयिनी तस्य जन्मस्थली इति।

योगदान: महाकवि: कालिदास संस्कृत साहित्यस्य

सर्वश्रेष्ठ: कविरास्ति। तेन विरचितानि मालविकाग्निमित्रम चेति नाटकानि सन्ति।


प्रश्न 2. ऐक्यबलं कथायां अधोलिखिता पत्राणां कथनं लिखत- 

(ऐक्यबलं कथा आधारित नीचे लिखे पात्रों के कथनों को लिखिए)-

(i) काष्ठभेदक: =

(ii) चटका =

(iii) मक्षिका = 

(iv) मण्डूकः = 


उत्तर- काष्ठभेदक:- स: उक्तवान् रोदनेन अलं।

चटका - " एवः मतगजः हन्तव्यः"

मक्षिका - " यत् मित्रम् एवं मित्रस्य कार्यं साधयति"

मण्डूकः - पूकीभूता दुर्बलाः अपि सबलं शत्रुं हन्तुं शक्नुवन्ति।

मित्रस्य काय साधाता


(चतुर्थ) मंडुकः = पूकीभूता दुरबला अपि सबलं शत्रु हनतुं शक्नुवन्ति। :


प्रश्न 3. आकाशवाणीद्वारा गणतंत्रदिवसस्य प्रसारणं श्रुत्वा दूरदर्शनद्वारा दृष्टवा वा पञ्च वाक्यानि लिखत (रेडियो पर गणतंत्र दिवस का प्रसारण सुनकर, दूरदर्शन द्वारा देखकर पाँच लिखिए।) 

उत्तर - गणतंत्र दिवसे दूरदर्शन से मया दृष्टं यत् 


(ए) शतशःः गणवेषे ओशन। 

(ब) ते सर्वे सीधी पट्टी आसन। 

(स) वादक सोखना अस्तानानि शब्द। 

(द) शस्त्रधाराँसंनां पथ चालनं संबधित आसीत्।  (य) राष्ट्रपतिना सेनानायकानाम् अभिवन्दन स्वीकृतम्।



प्रश्न 4. चित्रं दृष्टवा पञ्चवाक्यैः मातृभूमे: वर्णनं कुरुत। (चित्र देखकर 5 वाक्यों में मातृभूमि का वर्णन कीजिए।)


उत्तर- (1) मातृभूमिः सुफला वर्तते । (2) मातृभूमिः सुजला वर्तते । (3) मातृभूमिः शस्यश्यामला वर्तते । (4) मातृभूमिः मलयजशीतलता वर्तते । (5) मातृभूमिः उर्वरा वर्तते ।


प्रश्न 5 एवमेव कामपि एकां कथां लिखत । ( ऐसी ही कोई अन्य कहानी लिखिए।)


उत्तर


कहानी


एकताबलम् एकस्मिन वने बहवः कपोताः निवसंत स्म। एक तस्मिन वने एकोः व्याधः अग्निच्छादित। तेन स्वपाशं प्रसारित तस्मिन् उपरितंदुलकणान् प्रेषित। सर्वे कपोताः तण्डलान् भक्षयितुम अवाच्छन् । एकोप्रवृद्धः कपोतोऽवदत्- "एतन तन्दुलकनां भक्षयित्वा वयं सर्वे महति सङकटे पष्यामः।" कोऽपि कपोतत सल्लं न अमामत् सर्व च तममिन् पाशे तन्दुलं भक्षयितुम अवतरं सर्व च पाशे निबंधाः । अधुना पर वार्वे कुरवान्तः तंप्रवृद्धकपोतं पृष्ठावन्तः यत साम्प्रतं सङ्कटकाले किं कर्त्तव्यम। प्रवृद्धकपोत उवाच- "सर्वे मिलित्वा ह ऊउन्ताम् । अयतः किज्ञ्द्दूरे शतबिलाचिः म ममिमित्रम् एक। मूषकः निवसति । परिवृध्दमटेणे सर्व कपोताः पारोण ऊड्यन्त्रंतंत। व्याध धावित्व प्रशान्तायं कुरवन होम गतः । तेकौताः उड्यन्तः शतविल स्वामी मूषकस्य विलस्य पार्श्विक आवर्तन। मूषकः वाद्यक्ष्णदंतैः पांस्कृत्तित्व सर्वान् कपोतान अमोवायत्। ऐक्येन अतिकठिनमपि साध्यम्।


अर्थ- एक वन में बहुत से कबूतर रहते थे। एक बार उस वन में एक बहेलिया आया। उसने अपना जाल फैलाकर उसके ऊपर चावल के कण फैला दिए। सभी कबूतर चावल खाना चाहते थे। एक बूढ़े कबूतर ने कहा- "इन चावलों को खाकर ने हम सभी संकट में पड़ जाएंगे।” परंतु किसी भी कबूतर ने उसकी सलाह नहीं मानी और सभी उस जाल पर चावल खाने के लिए उतरे और सभी जाल में फंस गए। अब सभी ने पश्चाताप करते हुए उस बूढ़े कबूतर से पूछा कि अब इस समय संकटकाल में क्या करना चाहिए? बूढ़े कबूतर ने कहा- "सभी मिलकर जाल साथ उड़ो। यहाँ से कुछ दूरी पर शतबिल स्वामी नामक मेरा मित्र एक चूहा रहता है। वह हमें इस जाल से छुड़ा देगा।" बूढ़े के मतानुसार सभी कबूतरों ने जाल के साथ आकाश में उड़ना प्रारम्भ कर दिया। बहेलिया कुछ दूर दौड़क गप करता हुआ घर चला गया। वे कबूतर उड़ते हुए शतबिल स्वामी चूहे के बिल के पास उतरे। चूहे ने अपने पैने जाल को काटकर सभी कबूतरों को मुक्त कर एकता से अति कठिन कार्य भी सरल हो जाता है।




प्रश्न 6. "लोकहितं मम करणीयम्" इति पाठ-आधारेण उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानानि पूरयत (लोकहितं मम करणीयम् इस पाठ के अनुसार रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।)


लोकहित              ‌  मम करणीयम्


मनसा सततं          ………….


……..                           रमणीयम्


कार्यक्षेत्रे                  …………


……..                               सञ्चरणीयम्



उत्तर


लोकहितं                  मम करणीयम्


मनसा सततं               स्मरणीय


न भगभवने               रमणीयम्


कार्यक्षेत्र                  त्वरणीयम्


तत्र मया                    सञ्चरणीयम्


प्रश्न 7. अधोलिखित गद्यांश पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृत भाषायां लिखित- (नीचे लिखे गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए।


अहम् ओरछा! अहं निवाड़ीमण्डले स्थितं प्राचीनं नगरम् अस्मि । पूर्व स्वतन्त्र राज्यरूपेण मम परिचयः आसीत्। मम स्थापना षोडशेशताब्दे बुन्देला- राजपूतेन रुद्रप्रतापेन कृता । मम परितः सघनं वनम् अस्ति। अस्मिन् वने सागौनवृक्षाः अधिकाः भवन्ति। सागौन काष्ठं बहुमूल्यं भवति ।


प्रश्न (i) ओरछानगरं कस्मिन्क् मंडले अस्ति?


उत्तरम् -


ओरछानगरं निवाड़ीमंडले अस्ति ।


(ii) ओरछां परितः किम् अस्ति?


उत्तरम् - ओरछा परिशोधन सघन वनम् अस्ती।


(iii) ओरछानगरस्य स्थापना केन कृता?


उत्तरम् - ओरछानगरस्य षोडशताबदेदेला- राजपूतेन रुद्व बुस्दे कृता।


(iv) "अस्ति" अश्मिन् पदे कः धातुः ?


उत्तरम्- अस् धातुः ।


प्रश्न 8. श्लोकं पठित्वा प्रश्ननाम् उत्तराणि संस्कृत भाषायां लिखित-


(श्लोक को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर संस्कृत भाषा में लिखो।) 


उद्योगे नास्ति दारिद्रयं, जपतो नास्ति पातकम् । मौने च कलहो नास्ति, नास्ति जागरिते भयम् ।।


प्रश्न:


(अ) उद्योगे किं नास्ति ?


उत्तरम्- उद्योगो नास्ति दारिद्रयं ।


(ब) जपतः किं नास्ति ?


उत्तरम्- जपतः नास्ति पातकम् ।


(स) कुत्र कल्हो नास्ति ?


उत्तरम्- मौने च कलहो नास्ति ।


(द) भयं कुत्र नास्ति ?

उत्तरम्- भयं जागरिते भयम्।


प्रश्न 9. पाठ्यपुस्तकात् एकं श्लोकं लिखत (पाठ्यपुस्तक से कोई भी एक श्लोक लिखिए।)


उत्तर- गहनारण्ये घनान्धकारे, बन्धुजना ये स्थिता गहतरे । तत्र मया सञ्चरणीयम्, लोकहितं मम करणीयम् ।


प्रश्न 10. निर्देशानुसार उत्तर लिखत-

(निर्देश के अनुसार उत्तर लिखिए-)


(1) उदाहरणानुसार  सन्धि / सन्धि विच्छेद वा कुरुत-

 (उदाहरण के अनुसार संधि या संधि विच्छेद कीजिए।)


उदाहरणम- विद्यालयः = विद्या + आलयः

(i) हिमालय: = …….+.......

(ii) पुस्तकालयः = ……..+......

(iii).......... = महा + उत्सवः

(iv) सज्जनः = ……..+........


उत्तर-

(i) हिमः = हिम + आलयः

(ii) पुस्तकालयः = पुस्तक + आलयः

(iii) महोत्सव: = महा + उत्सव:

(iv) सज्जनः = सत् + जन:


(2) अधोलिखित संख्याः उदाहरणानुसारं संस्कृत भाषायां लिखत-


उदाहरणम्- 21 = एकविशंतिः

(i) 30 = …… 

(ii) 45 =.......

(iii) 26 = ……

(iv) 48 = ……


उत्तर- 

30 = त्रिंशः

45 = पञ्चत्वारिशत्

26 = षड् विंशः

48 = अष्टचत्वारिशत्


प्रश्न 11. अधोलिखितविषयेषु एकं विषयं चित्वा चत्वारि वाक्यानि संस्कृते लिखत (नीचे लिखे विषयों में से एक विषय पर चार वाक्य संस्कृत में लिखिए।) (1) धेनुः (2) विद्यालयः (3) महापुरुषः आजाद चन्द्रशेखरः (4) पुस्तकम्


उत्तर

(1) धेनुः अस्माकम् माता अस्ति। (2) धधेनोः चत्वरः पाडाः द् श्रृ्गे, एक लागूं च भवति । (3) धेननुं भिन्न: वर्णाः स्थापिती। (4) धेननुः तृणानि भाक्षयति । (5) धेधेनुः जनेभ्यः मधुरम् पयः प्रयच्छति । (6) गोमूत्रण दोषाणां रोगनां च नशः भवति । (7) धेनोः दुग्धेन दधि, तक्रम्, नवीनतम, घृतम् च चकम् भवति। (8) भारतीयसंस्कृतो धेधेनुम् महत्वम् अधिकम् (9) धेनोः दुग्धम् मधुरम्, पथ्यम् हितकारि च भवति। (10) वयं धेनुम्रूपेण पूज्यमः।


Note- सभी विषयों के होम बेस्ड प्रोजेक्ट कार्य का सॉल्यूशन पर काम चल रहा है धीरे-धीरे सभी सब्जेक्ट के सॉल्यूशन उपलब्ध करा दिए जाएंगे इसलिए इस वेबसाइट पर आप आते जाते रहिए ।


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