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CG Board assignment 6 Class 12th History solution pdf January 2022

CG Board assignment 6 Class 12th History solution pdf January 2022

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CG Board assignment 6



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CG Board assignment 6 Class 12 History subjects download PDF January 2021:

प्रिय छात्रों इस आर्टिकल में आप CG Board assignment 6 Class 12th History January maha 2022 मैं जारी कर दिए गए हैं। assignment 6 Class 12th History का संपूर्ण सॉल्यूशन आप इस पोस्ट में देखने वाले हैं|हमारी इस वेबसाइट के माध्यम से आपको  दिसंबर माह(छ.ग. बोर्ड असाईमेंट 6 डाउनलोड पीडीएफ 2022) के CG board assignment 6 Class 12 के सभी विषयों(all subject) का सॉल्यूशन इस पोस्ट में आप देखने वाले हैं। CG board assignment 6 class 12th के सभी विषयों का हल आपको हिंदी मीडियम(Hindi medium) और अंग्रेजी मीडियम(English medium) दोनों में प्रोवाइड उपलब्ध कराया जाएगा।

CG Board Class 12th History Assignment-6 January 2022







CG board assignment 6 मैं अच्छा उत्तर कैसे लिखें?

अगर आप जानना चाहते हैं कि असाइनमेंट 6 मैं अच्छा उत्तर कैसे लिखा जाता है तो आप पोस्ट को पूरा पढ़ें।यदि आप असाइनमेंट लिखने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि असाइनमेंट लिखने के लिए आपको किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है।

Cg board assignment 6 January 2022  मैं जारी कर दिए गए हैं, इनको लिखने के लिए सबसे पहले आप बाजार से बड़े आकार के पेपर य प्रोजेक्ट पेपर खरीदले साथ ही आप एक ब्लू पेन भी खरीदे। इस बात का ध्यान रखें कि आप लाल पेन का बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें। असाइनमेंट लिखते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना है जो आपको नीचे बताई गई हैं।

CG board assignment 6 January  2022 मैं लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखें:

1.असाइनमेंट में दिए गए शब्द सीमा में ही सभी प्रश्नों के उत्तर लिखें।

2.लाल पेन का उपयोग ना करें।

3.अनावश्यक शब्दों का प्रयोग ना करें।

4.प्रश्न की आवश्यकता के अनुसार ही अपना उत्तर दें।

5.सबसे महत्वपूर्ण सुंदर हैंड राइटिंग में लिखें।


CG board assignment 6 January 2022 का first कैसे बनाएं?

असाइनमेंट के फर्स्ट पेज को फिल कर दे में ज्यादातर स्टूडेंट्स गलती कर देते हैं। असाइनमेंट के फर्स्ट पेज में जो आपको सूचना दी जाती है उसी के अनुसार आपको उसे फिल करना होता है। जैसे कि पाठ्यक्रम का कोड असाइनमेंट को टॉपिक का नाम आपका नाम और आपके पिताजी का नाम भी पूछा जा सकता है। यह जानकारी भरना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है इसके बिना आप का असाइनमेंट स्वीकार नहीं किया जाएगा। फर्स्ट पेज पर सारी जानकारी भरने के बाद आप असाइनमेंट लिखना शुरू कर सकते हैं। असाइनमेंट पूरा लिखने की बात आप यह भी जान लीजिए कि असाइनमेंट आपको अपनी हैंडराइटिंग में लिखना होगा आप उसे टाइप करके नहीं लिख सकते और आप अपने किसी घर के मेंबर से भी असाइनमेंट नहीं लिखवा सकते। अगर वोट को यह पता चलता है कि आपने अपना सीमेंट किसी दोस्त या घर के किसी अन्य मेंबर से लिखवाया है तो आपका असाइनमेंट एसटीडी किया जा सकता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में आपको छूट दी जा सकती है पर आपको असाइनमेंट स्वयं ही लिखना पड़ेगा आपको प्रत्येक असाइनमेंट की एक अलग से फाइल बना लेनी है। अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखकर अपना असाइनमेंट लिखना स्टार्ट करते हैं तो आप का असाइनमेंट बहुत ही आकर्षक और सबसे यूनिक रहेगा। ऊपर दी गई सभी बातों को ध्यान में रखकर ही अपना असाइनमेंट लिखना स्टार्ट करें ।


Assignment 06 को लिखते समय कौन-कौन सी सावधानी हैं जिनका विशेष ध्यान रखें?

2.असाइनमेंट के प्रत्येक सवाल को एक से दो बार पढ़ कर ही अपना उत्तर लिखिए और इस बात का ध्यान रखें कि प्रश्न में जो बात पूछी गई है उसी का उत्तर सबसे पहले थी और प्रश्न की शब्द सीमा का भी ध्यान रखें।
3.प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले क्वेश्चन से संबंधित टॉपिक के बारे में अपनी बुक में पढ़ें।
4.अगर हो सके तो डायग्राम का उपयोग असाइनमेंट में जरूर करें
5.असाइनमेंट में अपनी उत्तर को पॉइंट वायपॉइंट लेकिन इससे एग्जामिनर को सहूलियत होगी आपकी कॉपी चेक करने में और वह आपकी कॉपी को अच्छी तरीके से चेक कर अच्छे अंक दे पाएगा।
6.उत्तर लिखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भाषा में त्रुटि ना हो। मात्रा और व्याकरण संबंधी गलतियां पर विशेष ध्यान दें।।
7.असाइनमेंट में ज्यादा कलर का उपयोग ना करें ।




प्रश्न-1 का उत्तर


छत्तीसगढ़ का नामकरण कब और कैसे हुआ इस सन्दर्भ में सुस्पस्ट जानकारी का अभाव है । इसके नामकरण में अलग अलग मत प्रचलित है । 1 ) जरासंघ के काल में 36 चर्म कार परिवारो ने जरासंघ के राज्य से पृथक हो कर इस क्षेत्र में नए राज्य की स्थापना की जो छत्तीस घर कहलाये बाद में जो छत्तीसगढ़ बना । 2 ) हिरा लाल के अनुसार कलचुरी जो चेदि वंश के भी कहलाते थे के नाम पे यह क्षेत्र चेदिस्गढ़ कहलाया बाद में यही नाम छत्तीसगढ़ हो गया ।

 3 ) छत्तीसगढ़ का नामकरण यहाँ स्थापित 36 गढ़ों या किलो के नाम पर हुआ है । एक मान्यता के अनुसार शिवनाथ नदी के उत्तर में कलचुरियो के रतनपुर शाखा के अधीन 18 गढ़ और दक्षिण में रायपुर शाखा के अधीन 18 गढ़ स्थित थे जीनके नाम में छत्तीसगढ़ पड़ा । गढ़ों के जानकारी देने वाले अभिलेखों में ब्रम्ह देव का खल्लारी शिलालेख महत्वपूर्ण है।



प्रश्न-2 का उत्तर


धनी धर्मदास संत कबीर की निर्गुण काव्य धारा के प्रमुख संत है तथा संत परम्परा को आगे बढ़ाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है । धनी धर्मदास संत कबीर के प्रधान शिष्य और कबीर पंथ के प्रवत्र्तक माने जाते है । डा . राम रतन भटनागर के मतानुसार " छत्तीसगढ़ में कबीर पंथ के प्रवत्र्तक धर्मदास हैप्रवत्र्तक धर्मदास है । " धनी धर्मदास का जन्म संवत् 1452 कि . में बांधोगढ़ के प्रसिद्ध वैष्य मनमहेश जी के घर में हुआ था । इनका विवाह पथरहट नगर की कन्या सुलक्षणावती के साथ संवत् 1480 वि . में हुआ था । सुलक्षणावती को कबीरपंथ में आमिनमाता के नाम से भी जाना जाता है । संवत् 1520 वि . में बांधोगढ़ में विशाल जनसमूह के समक्ष धर्मदास जी ने अपनी पत्नी के साथ सद्गुरू कबीर से दीक्षा प्राप्त की थी । इनकी अनन्य और अडिग भक्ति से प्रसन्न होकर संत कबीर ने उन्हें अपना प्रधान उत्तराधिकारी शिष्य बनाया और अटल बयालीस वंश तक कबीरपंथ की गुरूवाई का आशीर्वाद प्रदान किया था ।



प्रश्न-3 का उत्तर


छत्तीसगढ़ में धार्मिक स्थापत्य कला का विकास - स्थापत्य की दृष्टि से मंदिर निर्माण का इतिहास भी बहुत प्राचीन है । सामान्यतः ब्राम्हण धर्म के पुनरूत्थान के साथ ही के भारतवर्ष में मंदिर निर्माण की कला में वृद्धि हुई । देश - काल , मत - सम्प्रदाय तथा रूचि अभिरूचि के अनुरूप मंदिर कला में

विविधता तथा अनेकरूपता आई । मंदिर स्थापत्य का स्वतंत्र विकास चौथी शताब्दी अर्थात् गुप्तकाल में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है । भारतीय इतिहास के इस काल में समतल छत्रों से आच्छादित गर्भगृह तथा उसके सम्मुख स्तम्भों पर आधारित मंडपों का निर्माण किया जाता था । कालान्तर में मंदिरों की तीन प्रमुख शैलियां विकसित हुई , जो नागर शैली  भारत में हिमालय से विंध्य तक , द्रविड़ शैली - कृष्ण नदी के दक्षिण में एवं बेसर शैली ( मिश्रित शैली ) - विंध्याचल एवं कृष्णा के मध्य | इन तीन प्रमुख शैलियों के अनेक आंचलिक प्रकार (उपभेद) प्राप्त होते है ।




प्रश्न-4 का उत्तर


छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्रफल 6204 वर्ग किमी . है जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 4.59 प्रतिशत है । यहाँ मुख्य रूप से लाल - पीली मिट्टी तथा लाल दोमट मिट्टी पाई जाती है  जिसमें धान , गेहूँ , चना , तुवर , सरसों इत्यादि फसलों का उत्पादन होता है । यहाँ की जलवायु शुष्क एवं पर्णपाती है ।


छत्तीसगढ़ की जलवायु - : 


छत्तीसगढ़ भारत के मध्य स्थित है यहाँ उष्ण कटिबंधीय मानसूनी जलवायु पाया जाता है , कर्क रेखा प्रदेश के उत्तरी भाग बलरामपुर , सूरजपुर और कोरिया जिला से होकर गुजरती है . कर्क रेखा स्थित होने के कारण यह गर्म प्रदेश है , समुद्र से दूर होने के कारण समकारी प्रभाव से दूर है .


छत्तीसगढ़ की मिट्टी स्थानीय आधार पर यहाँ पायी जाने वाली मिट्टी कन्हार , मटासी , डोरसा , भठा एवं कछार हैं । छत्तीसगढ़ में पायी जाने वाली मिट्टियों में सर्वत्र धान पैदा किया जाता है , क्योंकि यह धान की फसल के लिये आदर्श होती हैं । अतः छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है ।


छत्तीसगढ़ में मुख्यतः 5 प्रकार की मिट्टी पाई जाती है : 


  • लाल और पीली मिट्टी

  •  लाल रेतीली मिट्टी 

  • लाल दोमट मिट्टी 

  • काली मिट्टी

  • लैटेराइट मिट्टी


छत्तीसगढ़ वन संपदा - :


राज्य के वन क्षेत्रों के अधीन कुल 427 वनग्राम अधिसूचित है। राज्य में कुल वन क्षेत्र का 43.13 प्रतिशत आरक्षित वन है। राज्य में कुल वन क्षेत्र का 40.22 प्रतिशत संरक्षित वन है। राज्य में कुल वन क्षेत्र का 16.65 प्रतिशत अवर्गीकृत वन है।

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