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CG Board 12th History Assignment-4 Solution PDF November 2021-22

CG Board 12th History Assignment-4 Solution PDF November 2021-22

Cg board assignment 4 class 12th history November 2021:



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CG Board assignment 4 Class 12th history subjects download PDF November 2021:

प्रिय छात्रों जैसा की आपको विदित होगा कि CG board assignment 4 Class 12th November maha 2021-22 के सभी पेपर जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में आप Class 12th history assignment 4 और यदि आप November month 2021-22 के Class 12 th assignment 4 के पेपर डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं तो आप इस वेबसाइट मैं (skteach.com) आप पेपर डाउनलोड कर सकते हैं और उसका सॉल्यूशन(solution) भी।

CG Board assignment 4 Class 12 history solution  solution PDF November 2021-22:

प्रिय छात्रों छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट 4 कक्षा 12 वी history 2021-22 November month  (cg board assignment 4) के सभी सब्जेक्ट(all subjects) का सॉल्यूशन(Solution) की लिंक (link) आपको नीचे दी गई है। वहां पर क्लिक(click) कर आप सभी विषयों के Answer देख पाएंगे ।


छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर

शैक्षणिक सत्र 2021- 22 माह नवंबर

असाइनमेंट- 04

कक्षा-  12वीं

विषय- इतिहास


प्रश्न-1 1857 के प्रथम शहीद मंगल पांडे की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लिखिए। (अंक -3 शब्द सीमा  50-75) www.skteach.com


उत्तर- अंग्रेजो के खिलाफ सिर उठाने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रांतिकारी के तौर पर विख्यात मंगल पांडे ने पहली बार" मारो फिरंगी "को का नारा देकर भारतीयों का हौसला बढ़ाया था। उनके विद्रोह से ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई थी।आज ( 19 जुलाई )194 जयंती है। 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अंग्रेजो के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने कलकत्ता के पास बैरकपुर परेड मैदान में रेजिमेंट के अफसर  पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। उन्हें ऐसा महसूस हुआ था कि यूरोपीय सैनिक भारतीय सैनिकों को मारने आ रहे हैं। उसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया था। वे ईस्ट इंडिया कंपनी में सैनिक के तौर पर भर्ती हुए थे। लेकिन बाद में उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों के भारतीयों के ऊपर अत्याचार को देखकर अंग्रेजो के खिलाफ सिर उठाया था।


प्रश्न-2 सन् 1857 के विद्रोह का स्वरूप क्या था ?लिखिए। (अंक -3 शब्द सीमा 50-75) www.skteach.com


उत्तर-  1857 के विप्लव का स्वरूप क्या था, इस प्रश्न पर विद्वान एकमत नहीं है। 1857- 58 में कुछ अंग्रेजों की यह मान्यता थी कि विप्लव जनसाधारण द्वारा असंतोष अभिव्यक्ति का एक उदाहरण था, किंतु अधिकांश ब्रिटिश लेखकों ने इसे मात्र सैनिक विद्रोह की संज्ञा दी है। ईसाई मिशनरी तथा आध्यात्मिक विचारधारा के लोग ईश्वर द्वारा भेजी गई विपत्ति समझते थे, क्योंकि कंपनी प्रशासन ने भारतीय प्रजा को ईसाई नहीं बनाया। कुछ अंग्रेज लेखकों ने इसे हिंदू मुसलमानों का ब्रिटिश सत्ता को उखाड़ फेंकने का षड्यंत्र भी बताया था। इन विचारों के ठीक विपरीत 1909 में विनायक दामोदर सावरकर ने इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा। अतः इस विप्लव के स्वरूप के बारे में आज भी मतभेद विद्यमान हैं। www.skteach.com


सर जॉन सीले के अनुसार 1857 की क्रांति पूर्णता राष्ट्रीय तथा स्वार्थी सैनिकों का विद्रोह था, जिसका ना कोई देसी नेतृत्व था और ना जनता का सहयोग। सर जॉन लॉरेंस ने इसे भी केवल सैनिक विद्रोह बताया है। और इसका प्रमुख कारण चर्बी वाले कारतूस बताया। पी ई राबर्ड्स भी एस्सेल विशुद्ध सैनिक विद्रोह मानते थे। वी ए स्मिथ ने लिखा है कि यह एक शुद्ध रूप से सैनिक विद्रोह था, जो संयुक्त रूप से भारतीय सैनिकों की अनुशासनहीनता और अंग्रेज सैनिक अधिकारियों की मूर्खता का परिणाम था। इस प्रकार लगभग सभी विदेशी इतिहासकार इसे एक सैनिक विद्रोह मानते हैं। www.skteach.com


प्रश्न-3 1857 की क्रांति के कारणों पर विस्तृत लेख लिखिए। (अंक -6 शब्द सीमा 150-200)


उत्तर -   1857 की क्रांति के कारण-  www.skteach.com


1857 की क्रांति मात्र सिपाहियों के असंतोष या चर्बीवाले कारतूसों का परिणाम नहीं था। इंग्लैंड में समकालीन रूढ़िवादी दल के प्रमुख नेता बेंजामिन डिजरायली का विचार था कि यह विद्रोह एक आकस्मिक प्रेरणा नहीं अपितु एक सचेत संयोग का परिणाम था। साम्राज्य का उत्थान पतन चर्बीवाले कारतूसो से नहीं होते। ऐसे विद्रोह उचित और पर्याप्त कारणों के एकत्रित होने से होते हैं। लार्ड सेलिसबरी ने भी हाउस ऑफ कॉमर्स में कहा था कि वह यह मानने को तैयार नहीं है कि ऐसा व्यापक और शक्तिशाली आंदोलन चर्बीवाले कारतूस को लेकर हो सकता है। वस्तुतः यह क्रांति औपनिवेशिक शासन के चरित्र उसकी नीतियों और कंपनी के शासन के प्रति जनता के संचित असंतोष और धृणा का परिणाम था। एक शताब्दी से अधिक समय तक अंग्रेज इस देश पर धीरे-धीरे अपना अधिकार बढ़ाते जा रहे थे। और इस काल में भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों में विदेशी शासन के प्रति जन असंतोष और घाना में वृद्धि होती रही। इस असंतोष और घृणा ने क्रांति के लिए विस्फोटक एकत्र कर दिया, जैसलमेर चर्बीवाले कारतूस ने चिंगारी का काम किया। www.skteach.com



1- राजनीतिक कारण -


1857  की क्रांति होने के ज्यादातर कारण डलहौजी की साम्राज्यवादी नीति से उत्पन्न हुए थे जिसमें डलहौजी की बहुत से सिद्धांतों जैसे गोद निषेध सिद्धांत जिससे डलहौजी ने अनेक रियासतों को समाप्त कर दिया। डलहौजी द्वारा राज्यों पर कुशासन का आरोप लगातार कई लोगों का अपहरण कर लिया गया जिससे कई रियासतें समाप्त होने लगी और उन पर आश्रित रहने वाले लोगों पर इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। मुगल सम्राट के साथ डलहौजी के दुर्व्यवहार से भी जनता बहुत क्रोधित हो गई और उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर दिया। कुछ समय पश्चात यह अफवाह फैली कि रूस क्रीमिया युद्ध का बदला लेने के लिए भारत पर आक्रमण कर रहा है जिससे भारतीय प्रोत्साहित हुए और उन्होंने निर्धारित किया कि जब अंग्रेजी रूस के साथ युद्ध में उलझे हुए होंगे तब उनके विरुद्ध विद्रोह करने पर उन्हें  सफलता मिल सकती है।


2- प्रशासनिक कारण - 


लार्ड कर्नवालिश द्वारा भारतीयों को उच्च पदों से वंचित रखा गया था इसका मुख्य कारण भारतीयों पर विश्वास ना करना था। 1833 के चार्टर एक्ट एवं रंगभेद नीति समाप्त करके कंपनी की सेवा में भारतीयों को लेने की घोषणा की गई थी। परंतु एक्ट की इस धारा को कभी लागू नहीं किया गया। इसके अलावा न्यायिक  दृष्टि से अंग्रेज भारतीयों की तुलना में अधिक सर्वश्रेष्ठ समझे जाते थे इसलिए भारतीय जजों की अदालत में उनके विरुद्ध कोई मुकदमा दायर नहीं हो सकता था।


अंग्रेजी शासन द्वारा भारतीयों के लिए जो भी प्रणाली लागू की गई थी वह भारतीयों के लिए बिल्कुल नहीं थी जिस कारण वे उस प्रणाली को ठीक तरीके से समझ नहीं सके।


3- सामाजिक कारण-


1857 की क्रांति में कई सामाजिक कारण भी सम्मिलित थे, अंग्रेजों द्वारा भारतीय समाज का मजाक उड़ाया जाने से भारतीय समाज में इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा इसके अलावा भारतीय समाज में पश्चिमी समाज का अत्यधिक प्रभाव पड़ने के कारण भारतीयों को यह लगा कि इससे हमारे समाज का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर दिया।



4- आर्थिक कारण- www.skteach.com


1857 की क्रांति होने के कारणों में आर्थिक कारण भी मुख्य रुप से सम्मिलित किए जाते हैं। अंग्रेजों द्वारा देश का आर्थिक शोषण करना आरंभ किया और देश के परंपरागत ढांचे को बदलने का पूरा प्रयास किया तो ऐसे भारतीय समाज में असंतोष और क्रोध उत्पन्न हुआ इसके अलावा अंग्रेजों ने बहुत बड़ी संख्या में किसानों और दस्त कारों की स्थिति पर भी बहुत बुरा प्रभाव डाला जिसके कारण भारतीय समाज की इस स्थिति में एक राधिका रूप धारण कर लिया।


प्रश्न-4 1857 के विद्रोह की असफलता के प्रमुख कारणों को लिखिए। (अंक -8 शब्द सीमा 250-300) www.skteach.com


उत्तर -  1857 की क्रांति होने से पहले मेरठ छावनी के सभी सैनिकों ने इस क्रांति की देशव्यापी शुरुआत करने के लिए 31 मई 1857 का दिन निर्धारित किया था। जिससे क्रांति के प्रभाव को और व्यापक रूप दिया जा सकता था परंतु सैनिकों ने आक्रोश में आकर निर्धारित समय से पहले ही 10 मई 1857 को विद्रोह करना शुरू कर दिया जिस कारण क्रांति की शुरुआत देश के सभी क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर हुई जिसका यह परिणाम सामने आया कि अंग्रेजों द्वारा क्रांतिकारियों का दमन करना बहुत सरल हो गया था।


यदि देश के सभी क्षेत्रों में क्रांति की शुरुआत एक साथ होती तो इसके परिणाम बहुत अच्छे हो सकते थे लेकिन सैनिकों की यह कार्रवाई 1857 क्रांति की  असफलता का सबसे बड़ा कारण बनी। इसके अलावा अन्य कारण भी थे जिससे 1857 की क्रांति असफल हुई वे कारण निम्नलिखित हैं-



1- क्रांति का देशव्यापी प्रसार ना होना-


 हालांकि 1857 की क्रांति ने बहुत कम समय में ही देश में व्यापक रूप धारण कर लिया था। परंतु फिर भी इसका देशव्यापी विस्तार नहीं हो पाया। यदि क्रांति का विस्तार संपूर्ण देश में एक साथ होता तो अंग्रेजों को अपनी सेनाओं को भारत के सभी क्षेत्रों में तैनात करना पड़ता जिससे उनकी सेना की संख्या पूरे भारत के लिए कम पड़ जाती और शायद आजादी का यह प्रथम विद्रोह सफल हो जाता। सक्रांति के असफल होने का कारण यह भी था कि क्रांति के दौरान पंजाब और संपूर्ण दक्षिण प्रांतों के अधिकांश क्षेत्रों में इस क्रांति का विस्तार ना के बराबर था और देश के एहसास को जैसे होलकर सिंधिया जोधपुर के राणा और अन्य सभी ने इस विद्रोह का समर्थन नहीं किया।


2- प्रभावी नेतृत्व का ना होना-  www.skteach.com


 1857 की क्रांति की असफलता का एक कारण यह भी है कि विद्रोह का एक प्रभावशाली नेतृत्व नहीं किया गया था। इस क्रांति में विद्रोहियों के साथ मिलकर कार्य करने की शक्ति, अनुभव एवं संगठन का निर्माण नहीं किया गया किंतु फिर भी रानी लक्ष्मीबाई नानासाहेब और तात्या टोपे ने कुशल नेतृत्व की कमान संभाली हुई थी। क्रांति के विद्रोह में स्पष्ट व ठोस लक्ष्य एवं विद्रोहियों के एक कदम के बाद अगला कदम क्या होगा यह भी निर्धारित नहीं किया गया था वह केवल आक्रोश की परिस्थितियों में ही आगे बढ़ रहे थे। www.skteach.com



3- सैनिक संख्या में अंतर- 


1857 की क्रांति के सैनिकों की संख्या अंग्रेजों की सड़कों की अपेक्षा बहुत कम थी क्योंकि देसी रियासतों द्वारा अपने सैनिकों को अंग्रेजी सेना के सहयोग के लिए भेज दिया गया था। इन सभी परिस्थितियों के बावजूद भी भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस के साथ कई अंग्रेजी सैनिकों को मात दी परंतु फिर भी कुछ कमियों के कारण भी असफल हो गए।


4- संसाधनों का अभाव- 



 1857 की क्रांति में आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण क्रांतिकारी आधुनिक शास्त्रों के उपयोग से वंचित रह गए थे जो उनकी असफलता का कारण था। यीशु क्रांति में क्रांतिकारियों ने तलवारों एवं बालों का उपयोग किया था इसके विपरीत विरोधी ब्रिटिश सेना ने आधुनिक तोपों एवं बंदूकों का इस्तेमाल किया जिससे क्रांतिकारी कमजोर पड़ गए इसके अलावा 1857 की क्रांति में अंग्रेजों द्वारा डाक रेल एवं अन्य सभी संचार के सत्ताधारी साधनों का भरपूर प्रयोग किया गया और क्रांतिकारियों को यह भी सभी साधन उपलब्ध नहीं हो पाए जिनके प्रभाव से उनकी सफलता निश्चित हो गई। www.skteach.com



5- आपसी फूट और बहादुर शाह के प्रति द्वेष- 


1857 की क्रांति के दौरान ब्रिटिश सरकार हिंदुओं और मुसलमानों को गुमराह करने में असफल हो गई थी परंतु वे सांप्रदायिक तौर पर सिख रेजीमेंट और मद्रास के सैनिकों को अपने पक्ष में करने में सफल हो गई। अंग्रेजों ने मराठों सीखो एवं गोरखा को बहादुर शाह के विरुद्ध खड़ा करके यह कहा कि यदि बहादुर शाह के हाथों में सत्ता द्वारा आ गए तो उन सभी पर अत्याचार होगा जिससे उनके मन में बहादुर शाह के प्रति द्वेष की भावना उत्पन्न हो गई। इसके अलावा और भी ऐसे कारण हैं जिनसे देशवासियों में फूट डालने और एकता को भंग करने का प्रयास किया गया था। इन कारणों से देश में सहयोग की भावना का अंत होने लगा जो शायद क्रांतिकारियों को कमजोर करने का प्रमुख कारण था।


CG board assignment 4 Class 12 solution All subject Solution November 2021-22

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CG board assignment 4 मैं अच्छा उत्तर कैसे लिखें?

अगर आप जानना चाहते हैं कि असाइनमेंट 4 मैं अच्छा उत्तर कैसे लिखा जाता है तो आप पोस्ट को पूरा पढ़ें।यदि आप असाइनमेंट लिखने जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि असाइनमेंट लिखने के लिए आपको किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है।

Cg board assignment 4 October 2021 मैं जारी कर दिए गए हैं, इनको लिखने के लिए सबसे पहले आप बाजार से बड़े आकार के पेपर य प्रोजेक्ट पेपर खरीदले साथ ही आप एक ब्लू पेन भी खरीदे। इस बात का ध्यान रखें कि आप लाल पेन का बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें। असाइनमेंट लिखते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना है जो आपको नीचे बताई गई हैं।


CG board assignment 4 October 2021 मैं लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखें:

1.असाइनमेंट में दिए गए शब्द सीमा में ही सभी प्रश्नों के उत्तर लिखें।

2.लाल पेन का उपयोग ना करें।

3.अनावश्यक शब्दों का प्रयोग ना करें।

4.प्रश्न की आवश्यकता के अनुसार ही अपना उत्तर दें।

5.सबसे महत्वपूर्ण सुंदर हैंड राइटिंग में लिखें।


CG board assignment 4 October 2021 का first कैसे बनाएं?

असाइनमेंट के फर्स्ट पेज को फिल कर दे में ज्यादातर स्टूडेंट्स गलती कर देते हैं। असाइनमेंट के फर्स्ट पेज में जो आपको सूचना दी जाती है उसी के अनुसार आपको उसे फिल करना होता है। जैसे कि पाठ्यक्रम का कोड असाइनमेंट को टॉपिक का नाम आपका नाम और आपके पिताजी का नाम भी पूछा जा सकता है। यह जानकारी भरना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है इसके बिना आप का असाइनमेंट स्वीकार नहीं किया जाएगा। फर्स्ट पेज पर सारी जानकारी भरने के बाद आप असाइनमेंट लिखना शुरू कर सकते हैं। असाइनमेंट पूरा लिखने की बात आप यह भी जान लीजिए कि असाइनमेंट आपको अपनी हैंडराइटिंग में लिखना होगा आप उसे टाइप करके नहीं लिख सकते और आप अपने किसी घर के मेंबर से भी असाइनमेंट नहीं लिखवा सकते। अगर वोट को यह पता चलता है कि आपने अपना सीमेंट किसी दोस्त या घर के किसी अन्य मेंबर से लिखवाया है तो आपका असाइनमेंट एसटीडी किया जा सकता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में आपको छूट दी जा सकती है पर आपको असाइनमेंट स्वयं ही लिखना पड़ेगा आपको प्रत्येक असाइनमेंट की एक अलग से फाइल बना लेनी है। अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखकर अपना असाइनमेंट लिखना स्टार्ट करते हैं तो आप का असाइनमेंट बहुत ही आकर्षक और सबसे यूनिक रहेगा। ऊपर दी गई सभी बातों को ध्यान में रखकर ही अपना असाइनमेंट लिखना स्टार्ट करें ।


Assignment 4 को लिखते समय कौन-कौन सी सावधानी हैं जिनका विशेष ध्यान रखें?

1.असाइनमेंट लिखने की पूर्व आप रफ वर्क जरूर करें। इससे क्या होगा आप जो गलती करती हैं आप वह सुधार सकती हैं और आप का असाइनमेंट बिल्कुल क्लीन और सांप दिखेगा इससे एग्जामिनर आप के अंक नहीं काटेगा।

2.असाइनमेंट के प्रत्येक सवाल को एक से दो बार पढ़ कर ही अपना उत्तर लिखिए और इस बात का ध्यान रखें कि प्रश्न में जो बात पूछी गई है उसी का उत्तर सबसे पहले थी और प्रश्न की शब्द सीमा का भी ध्यान रखें।

3.प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले क्वेश्चन से संबंधित टॉपिक के बारे में अपनी बुक में पढ़ें।

4.अगर हो सके तो डायग्राम का उपयोग असाइनमेंट में जरूर करें

5.असाइनमेंट में अपनी उत्तर को पॉइंट वायपॉइंट लेकिन इससे एग्जामिनर को सहूलियत होगी आपकी कॉपी चेक करने में और वह आपकी कॉपी को अच्छी तरीके से चेक कर अच्छे अंक दे पाएगा।

6.उत्तर लिखते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भाषा में त्रुटि ना हो। मात्रा और व्याकरण संबंधी गलतियां पर विशेष ध्यान दें।।

7.असाइनमेंट में ज्यादा कलर का उपयोग ना करें ।









2. दूसरे महायुद्ध एवं भारत विभाजन के कारण कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक मार झेलनी पड़ी जिससे देश का सामाजिक आर्थिक संतुलन प्रभावित हुआ।


3. कृषि के क्षेत्र में अपनाई गई गतिविधियों का परिणाम शीघ्र आता है जबकि उद्योगों के परिणाम देर से निकलते हैं।






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