MP board class 12th प्रश्न बैंक download 2021 |अध्याय :- [1] ठोस अव्स्था
अध्याय :- [1] ठोस अव्स्था
प्रश्न क्र. : 1 SiC किस प्रकार का ठोस है?
[1]. आयनिक ठोस
[2]. सहसंयोजी ठोस
[3]. धात्विक ठोस
[4]. इनमें से कोई भी नहीं
Ans-
प्रश्न क्र. : 2 विद्युत का सबसे अच्छा सुचालक है -
[1]. हीरा
[2]. ग्रेफाइट
[3]. सिलिकॉन
[4]. कार्बन (अक्रिस्टलीय)
Ans-प्रश्न क्र. : 3 काय केन्द्रित घनीय जालक की समन्वय संख्या होती है -
[1]. 8
[2]. 12
[3]. 6
[4]. 4
Ans-प्रश्न क्र. : 4 क्रिस्टल में किस प्रकार का जालक पाया जाता है -
[1]. फलक केन्द्रित घनाकृति
[2]. साधारण घनाकृति
[3]. काय केन्द्रित घनाकृति
[4]. साधारण ऋतुष्कोण
Ans-प्रश्न क्र. : 5 NaCl क्रिस्टल में प्रत्येक Na+ आयन घिरा हुआ है:
[1]. तीन Cl- आयन से
[2]. आठ Cl- से
[3]. चार Cl- से
[4]. 6 Cl- से
Ans-प्रश्न क्र. : 6 समचतुष्फलक सममिति के लिये त्रिज्यानुपात की सीमा है -
[1]. 0.155
[2]. 0.414
[3]. 0.732
[4]. 0.225
Ans-प्रश्न क्र. : 7 क्रिस्टल में विद्युत चालकता उत्पन्न करने के लिये अशुद्धि मिलाने की क्रिया कहलाती है-
[1]. शाटकी त्रुटि
[2]. डोपिंग
[3]. इलेक्ट्रॉनिक अपूर्णता
[4]. फ्रेन्केल त्रुटि
Ans-प्रश्न क्र. : 8 Fe, Co, Ni किस प्रकार के चुम्बकीय पदार्थ है -
[1]. अनुचुम्बकीय
[2]. लौह चुम्बकीय
[3]. प्रति चुम्बकीय
[4]. प्रतिलौहचुम्बकीय
Ans-👍 class 12 sample paper 2021
प्रश्न क्र. : 9 क्रिस्टल जालक में से एक धनायन व एक ऋणायन अनुपस्थित होने पर उत्पन्न त्रुटि को .............. कहते है।Ans-
प्रश्न क्र. : 10 ZnS एवं AgCl के क्रिस्टल में ............. दोष पाया जाता हैाAns-
प्रश्न क्र. : 11 बिन्दु दोष ................ क्रिस्टलों में पाये जाते है। Ans-
प्रश्न क्र. : 12 धात्विक ठोसों में चालकता ................. की उपस्थिति के कारण होती है।Ans-
प्रश्न क्र. : 13 चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा आकर्षित होने वाले पदर्थ ................ कहलाता है।Ans-
प्रश्न क्र. : 14
1. NaCl अयुग्मित इलेक्ट्रॅान
2. कांच फ्रेकेल और शॉट्की दोष
3. चुम्बकीय पदार्थ क्रिस्टलीय ठोस
4. सिलवर ब्रोनाइड NaCl
5. शॉट्की दोष अक्रिस्टलीय ठोस
प्रश्न क्र. : 15 CsCl की संरचना अष्टफलकीय होती है। Ans-
प्रश्न क्र. : 16 हीरा विद्युत का सुचालक है। Ans-
प्रश्न क्र. : 17 NaCl को Na वाष्प के साथ गर्म करने पर पीला रंग प्राप्त होता है। Ans-
प्रश्न क्र. : 18 आण्विक क्रिस्टल का गलनांक अधिक होता है। Ans-
प्रश्न क्र. : 19 AgBr के आयनिक क्रिस्टल में शॉट्की दोष होता है।Ans-
प्रश्न क्र. : 20 किस प्रकार के ठोस की प्रकृति विषम देशिक हेाती है ?Ans-
प्रश्न क्र. : 21 धात्विक ठोस में किस प्रकार का बंध पाया जाता है ?Ans-
प्रश्न क्र. : 22 त्रिज्या अनुपात का सूत्र लिखिए ।Ans-
प्रश्न क्र. : 23 ब्रैग समीकरण लिखिए ।Ans-
प्रश्न क्र. : 24 आयनिक क्रिस्टल के दो उदाहरण दीजिए ।Ans-
प्रश्न-7 चतुष्फलकीय एवं अष्टफलकीय रिक्तियों में विभेद स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- चतुष्फलकीय एवं अष्टफलकीय रिक्तियों में अंतर निम्न प्रकार -
चतुष्फलकीय रिक्तिया -
1- यदि किसी क्रिस्टल में प्रथम पद के 3 गोले के मध्य बनी त्रिकोणीय रिक्ती पर चौथा गोला रख दिया जाए तो इस चार गोले के मध्य बनी रिक्ति को समचतुष्फलकीय रिक्ति कहते हैं ।
2- इस प्रकार के रिक्तियों वाले क्रिस्टल में रिक्तियों की संख्या गोले की संख्या से दोगुनी होती है ।
3- चतुष्फलकीय रिक्ती में उपस्थित कण की समन्वय संख्या 4 होती है ।
अष्टफलकीय रिक्तियां -
1- यदि किसी क्रिस्टल के प्रथम परत के तीन गोलों के ऊपर एकांतर क्रम में तीन गोले और रख दिए जाएं तो इन 6 गोलों के मध्य बनी रिक्ति को अष्ठफल कीय रिक्ति कहते हैं ।
2- इस प्रकार की रिक्तियों वाले क्रिस्टल में रिक्तियों की संख्या गोले की संख्या के बराबर होती है ।
3- अष्टफलकीय रिक्ति में उपस्थित किसी कण की समन्वय संख्या 6 होती है ।
प्रश्न 8
उत्तर -
अंतरकाशी- जब किसी क्रिस्टल जालक के परमाणु के मध्य उनके खाली स्थान में अन्य घटक के परमाणु प्रवेश कर जाते हैं तो उसे अंतरा काशी दोष कहते हैं । इनके क्रिस्टल का घनत्व अधिक होता है
F-केंद्र - जब किसी क्रिस्टल में से कोई ऋणायन अपना जालक बिंदु छोड़कर क्रिस्टल से बाहर निकल जाता है तो क्रिस्टल की उदासीनता बनाए रखने के लिए इस जालक बिंदु में इलेक्ट्रॉन आ जाता है इस प्रकार ऋण आयन रिक्ति में बने इलेक्ट्रॉन F- केंद्र कहलाते हैं ।
प्रश्न-9
क्रिस्टल तंत्र मुख्यता 7 प्रकार के होते हैं -
प्रश्न-10
उत्तर -
1- लौह चुंबकत्व- ऐसे ठोस जो बहा चुंबकीय क्षेत्र द्वारा तीव्रता से आकर्षित किए जाते हैं लोग चुबकत्व कहलाते हैं । इन्हें चुंबकीय क्षेत्र से हटाने पर भी इनका चुंबकत्व समाप्त नहीं होता ।
उदाहरण - आयरन,कोबाल्ट,निकल ।
2- अनुचुंबकत्व - ऐसे ठोस जो बाह्य चुबकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं अनु चुंबकीय या अनुचुंबकत्व कहलाते हैं । यह गुण उन पदार्थों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिनके परमाणु में मुक्त इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं ।
उदाहरण - ऑक्सीजन अणु ,Cu आदि ।
समझ परक-
प्रश्न 1
उत्तर - सोडियम क्लोराइड का पीला रंग उसके ऋणायनी स्थल पर उपस्थित अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है । इन स्थलों कोF- केंद्र कहते है ।यह इलेक्ट्रॉन उत्तेजित होने के लिए दृश्य प्रकाश से ऊर्जा का अवशोषण करते हैं । जिससे क्रिस्टल पीला दिखाई देता है ।
प्रश्न 2
उत्तर -
धातुओं का ताप बढ़ाने पर चालकता का मान कम हो जाता है तथा अर्ध चालकों का ताप बढ़ाने पर चालकता का मान बढ़ जाता है ।
प्रश्न 3
उत्तर -
साधारण घनीय क्रिस्टल(SCC)- 1
काय केंद्रित क्रिस्टल(BCC)-. 2
फलक केंद्रित क्रिस्टल(FCC)-. 4
प्रश्न-4
उत्तर -
गलित अवस्था में आयनिक यौगिक वियोजित होकर मुक्त आयन देते हैं तथा विद्युत का चालन करते हैं । ठोस अवस्था में आयनिक गतिशीलता नगण्य होती है, अतः यह ठोस अवस्था में विद्युत का चालन नहीं करते हैं ।
प्रश्न-5
उत्तर -
1-
फ्रेंकल दोष विशेष आयनो ( सामान्यता धनायन )के निश्चित जालक बिंदुओं से हटकर अंतरा काशी स्थानों में आ जाने के कारण उत्पन्न होते हैं । क्षार धातुओं के हैलाइड में धनायन बड़े आकार के होते हैं तथा आसानी से अंतरा काशी स्थानों में व्यवस्थित नहीं हो पाते इसलिए चार धातुओं के हैलाइड में फ्रेंकल दोष नहीं पाए जाते हैं ।
2-
सोडियम क्लोराइड की संरचना फलक केंद्रित घनीय प्रकार की होती है इस संरचना में सोडियम पॉजिटिव आयन क्लोरीन नेगेटिव आयन द्वारा निर्मित अष्टफलकीय रिक्तियो में पाए जाते हैं ।जिस कारण सोडियम आयन की समन्वय संख्या 6 होती है और साथ ही क्लोरीन आयन की भी समन्वय संख्या 6 होती है ।'
प्रश्न-6
उत्तर -
क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय ठोस और में अंतर निम्नलिखित हैं -
क्रिस्टलीय ठोस :
1- इनमें अवयवी कणो कि नियमित और क्रमिक व्यवस्था होती है ।
2-इनकी ज्यामितीय निश्चित होती है ।
3- उनके गलनांक निश्चित होते हैं ।
4-यह वास्तविक ठोस हैं ।
5-यह विषम देशिक होती हैं ।
अक्रिस्टलीय ठोस :
1-इनमें अवयवी कणो कि नियमित और क्रमिक व्यवस्था नही होती है ।
2- इनकी ज्यामिति निश्चित नहीं होती ।
3-इनके गलनाक निश्चित नहीं होते हैं ।
4- यह आभासी ठोस है वास्तव में यह अतिशीतित द्रव है ।
5- यह समदैशिक एक होते हैं ।
प्रश्न-7
उत्तर -
प्रश्न-8
उत्तर -
कांचे एक आभाषी ठोस है। जिसमें एक अति शितित द्रव भरा होता है । और उसमें ताप के कारण एनीलिंग की क्रिया होती है जिससे पुरानी खिड़कियों में लगे कांच नीचे के तल पर मोटी दिखाई देते हैं ।
प्रश्न 9
उत्तर -
आपनिक ठोसो में धातु अधिक्य दोष के कारण बनी ऋणायि निक रिक्तिका विद्युतीय उदासीनता बनाए रखने के लिए मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा भरी जाती है । क्रिस्टल पर पड़ने वाले दृश्य प्रकाश की ऊर्जा को इलेक्ट्रॉनों द्वारा ग्रहण करके उत्तेजित अवस्था में जाने के कारण से रंगीन हो जाते हैं ।
उदाहरण के लिए जब NaCl को सोडियम वाष्प की उपस्थिति में गर्म करने पर सोडियम पॉजिटिव अधिकता में होती है, क्लोरीन आयन के सामान्य स्थान को छोड़कर सतह पर आ जाते हैं । ऐनायन का खाली स्थान इलेक्ट्रॉन द्वारा भर जाता है तथा F- केंद्र का निर्माण होता है । यह दृश्य प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित पूरक रंगों का वितरण करते हैं
प्रश्न 10
उत्तर -
फ्रेंकल दोष में आयन (धनायन या ऋणआयन )अपने जालक बिंदु को छोड़कर अंतरा काशी स्थल में आ जाते हैं ना कि क्रिस्टल को छोड़ कर चले जाते हैं इस कारण फ्रेंकल दोष का घनत्व में परिवर्तन नहीं होता है।
जबकि शॉटकी दोष में धनायन तथा ऋण आयन अपने जालक स्तलो से पूर्णता हट जाते हैं अर्थात क्रिस्टल को छोड़ कर चले जाते हैं जिस कारण शाँटकी दोष में क्रिस्टल का घनत्व कम हो जाता है ।