काव्य गुण कितने प्रकार के होते हैं कक्षा 12 hindi (class 12th Very Very Important questions
काव्य गुण
गुण तीन प्रकार के होते है-
1- माधुर्य गुण ।
2- ओज गुण ।
3- प्रसाद गुण ।
(1) माधुर्य गुण - जिस काव्य को सुनने या पढ़ने से मन पुलकित हो उठे और कानों को मधुर लगे तो वहां माधुर्य गुण होता है ।
माधुर्य गुण मुख्य रूप से श्रृंगार रस, शांत रस एवं कारुण संयुक्त काव्य में पाया जाता है ।
उदाहरण - चलती चाकी देखकर, दिया कबीरा रोय ।
दुई पाटन के बीच में , साबुत बचा न कोय ॥
(2) ओज गुण - जिसका काव्य सुनने या पढ़ने से चित्त उत्तेजित हो, उठे वहां ओज गुण होता है । यह गुण मुख्य रूप से वीर रस, भीभत्स रस तथा रौद्र रस युक्त काव्य में पाया जाता है ।
उदाहरण - बुन्देले हरवालों के मुख हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।
(3) प्रसाद गुण - जिस काव्य को सुनने या पढ़ने से हृदय प्रभावित हो चित्त खिल उठे, बुद्धि निर्मल बने वहां प्रसाद गुण पाया जाना हैं।
उदाहरण - चारू चंद की चंचल किरणे,
खेल रही थी जल थल में ।