काउंसलिंग क्या होती है कांसली क्यों होती है ट्वेल्थ के बाद काउंसलिंग कॉलेजों में क्यों होती है ।
नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है SK TEACH मे तो इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा कि काउंसिलिंग क्यों होती है तो दोस्तों जब भी आप कॉलेज में एडमिशन लेने जाति हैं तो आपको सबसे पहले एक प्रोसेस करना होता है वह है काउंसलिंग काउंसलिंग करने के बाद ही आपको आगे की जो प्रोसेस होती है वह फॉलो कर्नी होती है, और बाद आती है कि यह काउंसलिंग क्यों होती है और इसकी जरूरी जरूरत क्यों होती है ट्वेल्थ के बाद तो सभी लोग काउंसलिंग तो कर देते हैं पर जाता लोगों को पता नहीं होता है कि काउंसिलिंग क्यों की जाती है और इसका मतलब क्या होता है वैसे काउंसलिंग का हिंदी अर्थ होता है परामर्श जो भी इस पोस्ट को पढ़ रहे है वह अपने दोस्तों में इस पोस्ट को शेयर करें अगर जो बीएससी सेकंड ईयर या जो ग्रेजुएट हो चुके हैं या कर रहे हैं उन्हें भी यह जानकारी पता चल सके और अधिक से अधिक लोगों के लोगों के ताकि यह पोस्ट पहुंच सके चली स्टार्ट करते हैं
काउंसलिंग क्यों होती
कुछ यूनिवर्सिटी इंटरेस्टेड के आधार पर एडमिशन होता है और कुछ-कुछ यूनिवर्सिटी में डायरेक्ट हो जाती है और इसमे आपको बताएंगे कि सबसे पहले काउंसलिंग होती है तो आपको बुलाया जाता है और आपको जो पड़ना है बो बताया जाता है कि इस बेसिस पर आपको क्या-क्या करना होता है वहां पर आपको बताया जाता है इसके लिए आपको एक फॉर्म दिया जाता है जिसमें आपको आपकी जानकारी दस्तावेज में आपको फिल करना होता है।
जैसे-
अपना नाम ,पाप का नाम,मम्मी का नाम,डेट ऑफ़ वर्थ ,
Class 12 की मार्कसीट
Class 10 की मार्कसीट
अपना आधार कार्ड
पहचान पत्र
मूल्य निबासी
ट्वेल्थ के बाद काउंसलिंग कॉलेजों में क्यों होती है
यह सारी जानकारी फिल करने के बाद आपको आपने सब्जेक्ट को चुनना होता है कि आपको बीएससी में कौन सा सब्जेक्ट लेना है b.a. में कौन से सब्जेक्ट लेना है और उसके बाद आपको काउंसलिंग टीम के पास जाना होता है वहां पर आपको ओरिजिनल डॉक्यूमेंट भी ले जाना होता है वह आपके डॉक्यूमेंट को देखते हैं और उनको डाकूमेंट को वेरीफाई करते हैं और आपको बताते हैं । इसके बाद आपको अपनी ऑनलाइन जाकर फीस सामिट कर देनी होती है और आपका एडमिशन हो जाता है।