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संक्रमण तत्व रंगीन आयन बनाते हैं क्यों ?

प्रश्न 01:- संक्रमण तत्व रंगीन आयन बनाते हैं क्यों ? Class 12 Chemistry

उत्तर - अधिकांश संक्रमण तत्वों के आयन और यौगिक रंगीन होते हैं। इसका कारण है इनके (n-1)d उपकोश में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों का पाया जाना। जब कोई समूह यौगिक बनाने के लिए इनके निकट पहुंचता है तो इनके d  उपकोश का t2g और eg  दो समूहों में विपाटन हो जाता है। जब इन पर दृश्य प्रकाश पड़ता है तो इनके इलेक्ट्रॉन प्रकाश की ऊर्जा अवशोषित करके एक d ऑर्बिटल से दूसरे d-orbital में चले जाते हैं। इसे d-d  संक्रमण कहते हैं। d-d संक्रमण के कारण परावर्तित प्रकाश श्वेत ना होकर रंगीन होता है। 

चित्र - 


आयनों का रंग उनके द्वारा अवशोषित प्रकाश के तरंग धैर्य पर निर्भर करता है। यह रंग अवशोषित प्रकाश की तरंग का पूरक होता है। जिन संक्रमण तत्वों के आयनों में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं पाए जाते उनमें इलेक्ट्रॉनों द्वारा दृश्य प्रकाश की ऊर्जा का अवशोषण नहीं होता इसलिए ऐसे आयन या यौगिक रंगहीन होते हैं।


प्रश्न 02:- Cu+ (क्यूप्रस आयन) रंगहीन होता है जबकि Cu2+ (क्यूप्रिक आयन) रंगीन होता है क्यों ?

उत्तर - Cu+ और Cu2+ आयनों के बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास इस प्रकार है -

 

चित्र - 

उपरोक्त इलेक्ट्रॉनिक विन्यासो से स्पष्ट है। Cu+ आयन के d उपकोष में उपस्थित सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित हैं। इसलिए इसके इलेक्ट्रॉन दृश्य प्रकाश की ऊर्जा अवशोषित नहीं करते अर्थात इनमें d-d संक्रमण नहीं पाया जाता है फल स्वरुप परावर्तित प्रकाश श्वेत होता है। अतः Cu+ रंगहीन है।

Cu2+ के d उपकोश में एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाया जाता है जो दृश्य प्रकाश की ऊर्जा अवशोषित करके एक ऑर्बिटल से दूसरे d-orbital में चला जाता है अर्थात इसमें d-d संक्रमण होता है। फल स्वरुप परावर्तित प्रकाश रंगीन होता है। चूंकि इसके द्वारा नारंगी रंग के प्रकाश को अवशोषित किया जाता है इसलिए इसका संपूरक रंग नीला दिखाई देता है।

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