Class 11th Physics Question Bank Solution download 2023 pdf
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11th Physics Question Bank Chapter 1 Solution download pdf
अंक -2 (1 question)
अंक -3 (1 question)
Que.1 एसआई पद्धति की सभी मूल राशियां एवं इनके मात्रक लिखिए।
Ans-मूल प्रतियाँ सात एवं पूरक राशियाँ दो होती हैं। विवरण निम्न प्रकार है
Que 2.विमीय विश्लेषण की सीमाएं बताईये।
Ans- (1) इस विधि से विमाहीन राशि का मान ज्ञात नहीं किया या सकता ।
(2) इस विधि से त्रिकोणमिति , लघुगणकीय आदि वाले समीकरण को ज्ञात नहीं किया जा सकता ।
(3) इस विधि से ऐसे नियतांक का मान ज्ञात नहीं किया जा सकता जिसकी विमा होती है । उदाहरण - सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक
Que3.विमीय विश्लेषण के उपयोग लिखिए।
Ans-
विमीय समीकरणों के उपयोग-
(i) किसी भौतिक राशि का मात्रक ज्ञात करना ।
(ii) किसी भौतिक राशि के मात्रक को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में बदलना।
(iii) किसी समीकरण की सत्यता की जाँच करना।
(iv) विभिन्न भौतिक राशियों में सम्बन्ध स्थापित करना।
Que .कार्य व विकृति का विमीय सूत्र तथा मात्रक लिखिए।
कार्य विमीय सूत्र तथा मात्रक लिखिए।
विकृति का विमीय सूत्र तथा मात्रक लिखिए।
Que.सरल लोलक का आवर्तकाल T, उसकी प्रभावकारी लम्बाई l और गुरुत्वीय त्वरण g पर निर्भर करता है। विमीय समीकरण की सहायता से उनमें सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
माना कि l की घात a तथा g की घात b है।
अत:, दिया है कि आवर्तकाल
T∝lagb
∴T=Klagb
यहाँ K एक विमाहीन नियतांक है।
समी. (1) में l की विमा L व g की विमा LT−2 लिखने पर,
T=KLa[LT-2]b=KLaLbT-2b
T=KLa+b T-2b ....(2)
विमीय संगतता के सिद्धान्त से समी. (2) तब शुद्ध होगा जब
a+b=0 ....(3)
और -2b =1 ⇒ b = −12 ....(4)
समी. (3) में समी. (4) से b का मान रखने पर,
a−12=0⇒a=12 ...(5)
समी. (1) में समी. (4) व (5) के मान रखने पर,
T=Kl1/2 g-½ =K l1/2 /g1/2 =Klg−−√
यही अभीष्ट सम्बन्ध है।
2. एक ही भौतिक राशि के लिए भिन्न-भिन्न मात्रकों का उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर- एक ही भौतिक राशि के भिन्न-भिन्न मात्रकों का प्रयोग किया जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि जैसे यदि हम लंबाई का ही उदाहरण लेते है तो हम पाते है कि इसके भिन्न-भिन्न मात्रक जैसे- मिमी, सेमी, मीटर, किलोमीटर, प्रकाश वर्ष पारसेक आदि होते है। छोटी दूरी के लिये सेमी या मीटर का प्रयोग करते हैं क्योकि यह सुविधा की दृष्टि से सही होती है। यदि बड़ी दूरी के लिये इन छोटे मात्रको का प्रयोग करेंगे तो यह काफी मुश्किल रहेगा। इ कारण सुविधानुसार हम एक ही भौतिक राशि के भिन्न-भिन्न मात्रकों का प्रयोग करते हैं।
3. मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मात्रक में अंतर लिखिए।
उत्तर- मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मात्रक में अंतर निम्नलिखित है
4. भौतिक समीकरण V2 =U2 + 2as की शुद्धता की जाँच कीजिये ।
5. वायु में ध्वनि का वेग v वायु दाब p एवं घनत्व d पर निर्भर करता है। विमीय विधि से ध्वनि के वेग v के लिये न्यूटन के सूत्र
की स्थापना कीजिये।