CGBSE Open School व्यवसायिक अध्ययन Paper 2021 Solution Download | 12th Cg Open School Paper Solution
कक्षा-12 वीं
विषय-व्यवसायिक अध्ययन
प्रश्न क्रमांक 1 का हल
(अ)
(i)लाभ
(ii)50
(iii)मानवीय घटक से
(iv)भावी कर्मचारी की
(v)नियोजन
(vi)ऋण पत्र
(vii)सभी स्तर पर
(viii)अनिवार्य
खंड-ब
(i)नियोजन
(ii)अंतरराष्ट्रीय व्यापार
(iii)कटार/पूंजी
(iv)अधिक
(v)स्तंभ
खंड-स
(i)सत्य
(ii)असत्य
(iii)सत्य
(iv)सत्य
(v)असत्य
(vi)सत्य
(vii)असत्य
प्रश्न क्रमांक 2 का हल
उस क्रिया को आर्थिक क्रिया कहते हैं जिसका संबंध मानवीय आवश्यकताओं को संतुष्ट करने के लिए सीमित साधनों के उपयोग से होता है।
प्रश्न क्रमांक 3 का हल
व्यवसाय एक आर्थिक गतिविधि है, जो मानव इच्छाओं को संतुष्ट करने के लिए माल और सेवाओं के निरंतर और नियमित उत्पादन और वितरण से संबंधित है।व्यवसाय एक संगठन या आर्थिक व्यवस्था है जहां वस्तुओं और सेवाओं को एक दूसरे के लिए या पैसे के लिए अदला-बदली किया जाता है।
प्रश्न क्रमांक 4 का हल
स्वामी अर्थात एकल स्वामित्व का अभिप्राय व्यवसायिक संगठनों के उस प्रारूप से है जिसका स्वामी एक अकेला व्यक्ति होता है। वही इसका प्रबंध करता है तथा संपूर्ण लाभ हानि प्राप्त करता है एकाकी स्वामित्व व्यवसाय की सारी संपत्ति व साधनों का अकेला स्वामी होता है।
प्रश्न क्रमांक 5 का हल
शेयर बाजार की विशेषताएं-
यह एक संगठित बाजार है।
यह एक ऐसा स्थान है जहां विद्यमान एवं स्वीकृत प्रतिभूतियों का सुगमता पूर्वक क्रय विक्रय किया जाता है।
शेयर बाजार में सौदा उसके सदस्यों अथवा उनके अधिकृत एजेंटों के मध्य होता है।
सभी लेनदेन शेयर बाजार के नियम व उपनियमों द्वारा नियमित किए जाते हैं।
शेयर बाजार प्रतिदिन के प्रतिभूतियों के मूल और सौदे की मात्रा के संबंध में आम जनता को पूर्ण सूचना प्रदान करता है।
प्रश्न क्रमांक 6 का हल
जिला उद्योग केंद्र एक संगठन की तर्ज पर कार्य करता है। इसका मुख्यालय जिला स्तर, मंडल स्तर, राज्य स्तर और केंद्रीय स्तर पर है। हर जिले में एक जिला उद्योग केंद्र होता है। इस केंद्र का नाम जिला उद्योग कार्यालय होता है।
प्रश्न क्रमांक 7 का हल
नियोजन प्रबंध का प्रथम कार्य और नियंत्रण प्रबंध का अंतिम कार्य है।
प्रश्न क्रमांक 8 का हल
प्रशस्ति पत्र प्रदान करना
प्रश्न क्रमांक 9 का हल
वित्त को
प्रश्न क्रमांक 10 का हल
स्थाई पूंजी से आशय उस संपत्ति से हैं, जो कि व्यापार में विक्रय के उद्देश्य नहीं लगाई जाती है और ना ही उसे व्यापार के कार्यकलापों को बदलते हुए बेजा जा सकता है। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं, कि जो पूंजी स्थाई संपत्ति पर विनियोग करने के लिए ली जाती है उसे स्थाई पूंजी कहते हैं।
प्रश्न क्रमांक 11 का हल
National Stock Exchange (NSE) एनएसई भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है।
प्रश्न क्रमांक 12 का हल
व्यवसायिक जो गुणों की प्रकृति-
अनिश्चितताओं के कारण व्यावसायिक जोखिम उत्पन्न होते हैं
जोखिम हर व्यवसाय का एक अनिवार्य हिस्सा है।
जोखिम की मात्रा मुख्य रूप से व्यवसाय की प्रकृति और आकार पर निर्भर करती है।
जो गेम उठाने के बदले में मिलने वाला प्रतिफल लाभ होता है।
प्रश्न क्रमांक 13 का हल
हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है।
प्रश्न क्रमांक 14 का हल
आर्थिक क्रियाओं अंतर्गत पैसे कमाने और व्यय करने से संबंधित सभी प्रयास शामिल है। प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली सभी क्रियाओं को आर्थिक क्रियाएं कहते हैं। उदाहरण के लिए पशुपालक पशुपालन करता है, किसान खेती का कार्य करता है, और व्यापारी व्यापार करता है।
प्रश्न क्रमांक 15 का हल
व्यवसायिक संगठन के विभिन्न स्वरूपों के नाम-
एकांकी व्यापार
साझेदारी व्यापार
संयुक्त हिंदू परिवार व्यवसाय
संयुक्त स्कंध प्रमंडल
सहकारी समिति
संयोजन
सार्वजनिक उपक्रम
प्रश्न क्रमांक 16 का हल
प्रेरणाएं दो प्रकार की होती हैं-
(i) मौद्रिक प्रेरणाएं तथा अमौद्रिक प्रेरणाएं
(ii) धनात्मक तथा ऋणात्मक प्रेरणाएं
(i) मौद्रिक प्रेरणाएं- इन्हें वित्तीय प्रेरणाएं भी कहते हैं। इनका मूल्यांकन मुद्रा के रूप में किया जा सकता है। जैसे- वेतन, मजदूरी, बोनस, कमीशन, निशुल्क चिकित्सा सुविधा तथा वित्तीय अनुलाभ आदि।
अमौद्रिक प्रेरणाएं- इन्हें अवित्तीय प्रेरणाएं भी कहा जाता है। इनका मूल्यांकन मुद्रा के रूप में नहीं दिया जाता है। जैसे- नौकरी की सुरक्षा, कैरियर में उन्नति के अवसर आदि।
(ii) धनात्मक प्रेरणाएं- इससे कर्मचारियों के कार्य की प्रशंसा की जाती है उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। जिससे उनका मनोबल बढ़ता है।
ऋणात्मक प्रेरणाएं- इसमें कर्मचारियों के कार्य में की गई त्रुटियों को बताया जाता है, उन्हें दंडित किया जाता है जिससे उनके मनोबल में गिरावट आती है।
प्रश्न क्रमांक 17 का हल
लागत नियंत्रण या लागत प्रबंधन के रूप में भी जाना जाता है। लागत नियंत्रण एक शब्द है जिसका उपयोग सामूहिक रूप से विभिन्न नीतियों और दृष्टिकोणों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो दक्षता के उच्चतम स्तर के साथ खर्चों का प्रबंधन करना संभव बनाते हैं। व्यवसाय या घर दोनों विभिन्न प्रकार के लागत नियंत्रण उपायों को लागू करेंगे, जबकि घर या व्यवसाय को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए प्रबंधन या आय का सबसे अच्छा फायदा उठाने के साधन के रूप में या अंत करने के लिए, लागत नियंत्रण में आमतौर पर तरीकों का एक संयोजन शामिल होता है जिसमें आवश्यक कार्यो के लिए संसाधनों का उचित आवंटन शामिल होता है, साथ ही और आवश्यक कार्यों को बनाए रखने की लागत को कम करने के लिए डिजाइन किए गए कदम भी शामिल होते हैं।
लागत नियंत्रण का एक मुख्य लाभ यह है कि समग्र प्रक्रिया 1 दिन के आधार पर संसाधनों की बर्बादी को कम करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, विनिर्माण सुविधा को संचालित करने के लिए आवश्यक कच्चे माल को प्रदान करने के लिए कुछ का चयन करने से पहले एक व्यवसाय कई अलग-अलग विक्रेताओं का मूल्यांकन कर सकता है। आमतौर पर, माल में एक गुणवत्ता का एक स्तर होना चाहिए जो बदले में तैयार माल को उचित लाभ मार्जिन पर बेचना संभव बना देगा। इसी समय, लक्ष्य उन कच्चे करके माल को कीमतों पर खरीदना है जो स्वीकार्य सीमा के भीतर उस लाभ मार्जिन को कम करने के लिए पर्याप्त है।
प्रश्न क्रमांक 18 का हल
नियोजन वांछित परिवर्तन लाने का एक तरीका है। नियोजन भविष्य में देखने की विधि अथवा कला है। इसमें भविष्य की आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाया जाता है ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों को उनके अनुरूप ढाला जा सके।
नियोजन की परिभाषा
जॉन ई इलियट के शब्दों में, नियोजन क्रिया स्वयं में एक सोद्देश्य क्रिया है। किन्ही पूर्व निश्चित उद्देश्यों के अभाव में नियोजन की कल्पना करना कठिन है। नियोजन वह साधन है जिसे किसी निश्चित लक्ष्य के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
हॉर्ट के अनुसार- नियोजन कार्यों की श्रंखला का अग्रिम निर्धारण है जिसके द्वारा निश्चित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
प्रश्न क्रमांक 19 का हल
विपणन प्रबंध के निम्न उद्देश्य है-
ग्राहकों को संतुष्टि प्रदान करना-विपणन प्रबंध का मूलभूत उद्देश्य ग्राहकों को संतुष्टि प्रदान करना है। इस दृष्टि से विपणन प्रबंधक को कोई उत्पाद विपणन के लिए प्रस्तुत करने से पूर्व वैज्ञानिक रूप से ग्राहकों की आवश्यकताओं का अध्ययन करना चाहिए। माल अथवा सेवाओं का विक्रय उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि ग्राहकों की संतुष्टि। यदि देखा जाए तो विपणन प्रबंध का प्रारंभ एवं अंत सदैव ग्राहकों की संतुष्टि से ही होता है।
व्यवसाय के विकास के लिए लाभों में वृद्धि करना-यदि देखा जाए तो विपणन प्रबंध ही अकेला ऐसा विभाग है जो कि व्यवसाय के लिए आए अर्जित करता है। अतैव व्यवसाय के उद्गम एवं विकास के लिए समुचित लाभों का अर्जित होना आवश्यक है।
व्यवसाय के लिए ग्राहक आधार का सृजन करना-यदि ग्राहक है तो व्यवसाय है, यदि ग्राहक नहीं तो व्यवसाय नहीं। इस दृष्टि से व्यवसाय की स्थापना उन क्षेत्रों में की जाती है जहां पर ग्राहकों की संख्या अधिक होती है। ग्राहकों की संख्या जितनी अधिक होगी, व्यवसाय का उद्भम एवं विकास उतनी ही तीव्र गति से होगा।
प्रश्न क्रमांक 20 का हल
वैज्ञानिक विश्लेषण- किसी भी योजना को कार्यान्वित करने से पूर्व कुशल प्रबंधक उसके विभिन्न अंगों का वैज्ञानिक विश्लेषण एवं उपयोग करके देख लेते हैं कि उसकी उपयोगिता तथा उपयुक्ता किस सीमा तक पर्याप्त होगी।
नियमों का समूह- वैज्ञानिक प्रबंध को लागू करने के लिए नियमों का समूह का निर्माण किया जाता है जिन्हें कठोरता से लागू किया जाता है।
निश्चित योजना- वैज्ञानिक प्रबंध का सबसे मुख्य लक्षण यह है कि प्रत्येक कार्य को आरंभ करने से पूर्व निश्चय योजना तैयार की जाती है सारा कार्य उसी योजना के अनुसार ही संपन्न होता है।
कार्य क्षमता में वृद्धि- वैज्ञानिक प्रबंध कि प्रत्येक योजना में श्रमिकों की कार्य क्षमता का सबसे अधिक ध्यान रखा जाता है।
मानसिक क्रांति- वैज्ञानिक प्रबंध मानसिक क्रांति पर बल देता है अर्थात श्रमिकों तथा प्रबंधकों दोनों को विचारात्मक अमूल मूल परिवर्तन लाने पर बल देता है।
प्रश्न क्रमांक 21 का हल
पूर्वाधिकार अंशों तथा समता अंशों में अंतर निम्नलिखित है-
वित्त की अवधि- कंपनी के स्थायित्व के लिए समता अंश का निर्गमन किया जाना चाहिए, क्योंकि इनका कंपनी के जीवन काल में भुगतान नहीं होता है। परंतु मध्यावधि की वित्त आवश्यकता के लिए पूर्वाधिकार अंश एवं ऋण पत्र जारी किए जा सकते हैं एवं निर्धारित अवधि के पश्चात इनका भुगतान भी किया जा सकता है
प्रतिफल- ऋण पत्रों पर ब्याज एवं पूर्वाधिकार अंशों पर लाभांश, यदि कंपनी की आय इन प्रतिभूतियों की प्रत्याय की दर से कम है तो ये कंपनी पर बोझ हो जाते हैं, परंतु क्षमता अंशों पर प्रतिफल कंपनी के लाभो पर निर्भर करता है।
वित्तीय संरचना का लचीलापन- जो कंपनियां तीनों प्रकार की प्रतिभूतियों का निर्गमन करती हैं वे अपने वित्तीय ढांचे में लोच लाती हैं।
प्रश्न क्रमांक 22 का हल
विज्ञापन का माध्यम
(i) समाचार पत्र- आज समाचार पत्र गांवों तथा शहरों, सभी स्थानों पर लोगों द्वारा समाचार पत्रों को पढ़ा जाता है। समाचार पत्र विज्ञापन का एक अच्छा साधन है। समाचार पत्र सभी प्रकार के व्यवसायियों के लिए उपयुक्त है। समाचार पत्र में वस्तुओं एवं सेवाओं की विस्तृत जानकारी विज्ञापन द्वारा दी जाती है। समाचार पत्र दैनिक, साप्ताहिक अथवा पाक्षिक होते हैं। हमारे देश में दैनिक समाचार पत्रों में हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया आदि राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र हैं। प्रादेशिक स्तर के समाचार पत्रों में दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति आदि मुख्य समाचार पत्र हैं।
(ii) पत्रिकाएं- पत्रिकाएं एक निश्चित समयांतर जैसे-(साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक) प्रकाशित होती हैं। इन पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, लेख, ब्यूटी टिप्स, खाना खजाना आदि आदि होते हैं । अर्थात रुचि व सामग्री के अनुसार यह पत्रिकाएं साहित्यिक, धार्मिक, वैज्ञानिक, राजनैतिक, आर्थिक तथा वाणिज्यिक होती हैं। इन्हें अपनी रुचि अनुसार सभी वर्ग के बच्चे, युवा एवं युद्ध अपने मनोरंजन के लिए पढ़ते हैं। इन पत्रिकाओं में जो विज्ञापन दिए जाते हैं, उन्हें पत्रिका विज्ञापन कहते हैं।
(iii) रेडियो- विज्ञापन का यह साधन काफी पुराना, प्रतिष्ठित व लोकप्रिय है। अधिकांश घरों में रेडियो पाए जाते हैं। रेडियो देश विदेश के समाचार संगीत एवं अन्य कार्यक्रम जनता के सम्मुख दिन रात प्रस्तुत करते रहते हैं। वीडियो द्वारा संगीत नाटक समाचार चुटकुले आदि के कार्यक्रमों के पहले, बाद में तथा बीच में विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं। अब देश के विविध भारती के लगभग 60 केंद्रों से विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं। इस माध्यम द्वारा दिए जाने वाला संदेश काफी रोचक, संगीत कथाओं के रूप में होना चाहिए। यह ग्रामीण व शहरी दोनों के लिए उपयुक्त हैं।
(iv) टेलीविजन- आधुनिक समय में टीवी विश्व में विज्ञापन का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। हमारे देश में टीवी विज्ञापन का श्री गणेश 1976 में हुआ। टीवी एक ऐसा यंत्र है जो शब्दों व चित्रों को एक साथ दर्शकों के सामने प्रस्तुत करता है। इसके द्वारा विज्ञापन संदेशों को नाटकीय ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। टीवी में विज्ञापन देना हालांकि खर्चीला है परंतु प्रभावी माध्यम है। सुनी व देखी बातें काफी समय तक याद रहती हैं।
(v) सिनेमा- सिनेमा मनोरंजन का सर्वाधिक सस्ता एवं लोकप्रिय साधन है। सिनेमा में 86 विज्ञापन के लिए स्लाइडों का प्रयोग किया जाता है। ये स्लाइडें फिल्म प्रारंभ होने से पहले या मध्यांतर या फिर अंत में दिखाई जाती है। इन विज्ञापनों को अनेक व्यक्ति एक साथ देखते हैं और प्रभावित होते हैं। इस माध्यम का प्रयोग करके विज्ञापन को स्मरण कारी बनाया जा सकता है।
प्रश्न क्रमांक 23 का हल
वित्तीय नियोजन की विशेषताए- किसी भी व्यवसाय का भविष्य एवं उसकी सफलता बहुत बड़ी सीमा तक उसकी वित्तीय योजना पर निर्भर करती है। अतः एक व्यवसाय की वित्तीय योजना बहुत अधिक सावधानी पूर्वक तैयार की जानी चाहिए। एक श्रेष्ठ वित्तीय योजना में विशेषताएं होती हैं।
सरलता- व्यवसाय की वित्तीय योजना जटिल नहीं होनी चाहिए। व्यवसाय की वित्तीय योजना सरल होनी चाहिए जिससे विनियोकता विनियोग के लिए सहज ही आकर्षित हो सके। बहुत अधिक प्रकार की प्रतिभाव नहीं होनी चाहिए अन्यथा व्यवसाय का पूंजी ढांचा जटिल हो जाएगा। व्यवसाय की वित्तीय योजनाएं होनी चाहिए जिससे वर्तमान में ही नहीं बल्कि भविष्य में भी व्यवसाय की आवश्यकताओं के अनुसार प्राप्त वित्त प्राप्त किया जा सके।
उपयोगिता- व्यवसाय की वित्तीय योजनाएं ऐसी होनी चाहिए जो व्यवसाय में उपलब्ध विभिन्न वित्तीय साधनों का श्रेय उपयोग कर सके। स्थाई तथा कार्यशील पूंजी के मध्य उचित संबंध होना चाहिए। व्यवसाय के पूंजीकरण तथा अति पूंजीकरण की स्थिति नहीं होनी चाहिए।
पूर्णता- वित्तीय योजना हर दृष्टि से पूर्ण होनी चाहिए उसमें सभी भावी आकस्मिकताओं का ध्यान रखना चाहिए। भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर उनके लिए वित्त की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
प्रश्न क्रमांक 24 का हल