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CGBSE Class 12th History Set-A open book paper Solution 2021

CGBSE Class 12th History Set-A  open book paper Solution 2021


CG board exam 2021

Class 12th

History set-A


उत्तर 

1.धोलावीरा 

2.खेतरी 

3.अस्व घोस

4.1 लाख

5. संस्कृत भाषा में 

6.18

7. महाराष्ट्र में

8. सिख समप्राय 

9.दो वर्गों सगुण निर्गुण 

10.श्री कृष्ण

11. चिश्ती सिलसिला

12. अकबर

13. बाबर 

14.तहसीलदार 

15.कपास नील

 16.12 नवंबर 1930 से 13 जनवरी 1931 लंदन

17. चित्त्रोपला

18. 1839 

19.डॉ राजेंद्र प्रसाद

20. रानी बस्या की याद में हर्ष गुप्त मे।

उत्तर 21. बौद्ध धर्म और जैन धर्म में निम्नलिखित समानताएं हैं।

1. बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों ने अपने विचारों को उपनिषदों के सांख्य दर्शन से प्राप्त किया ईश्वर में विश्वास जीवन दुख में है कर्म सिद्धांत जीव के आवागमन का सिद्धांत आदि ऐसे विचार है जो साथ दर्शन से प्राप्त होते हैं इस प्रकार दोनों धर्मों के विचारों का मूल  स्त्रोत समान था।


2. दोनों धर्मों की उत्पत्ति भारत के उत्तर पूर्वी भाग में हुई तथा आरंभ में दोनों के प्रचार के स्थान पर आया सामान थे।


3. दोनों धर्मों ने हिंदू धर्म की कर्मकांड जाति वेद पशु बलि ब्राह्मणों की सामाजिक श्रेष्ठता आदि का विरोध किया।


4. दोनों धर्मों के प्रवर्तक छत्रिय राजकुमार थे और दोनों ने छतरी शासकों से संरक्षण प्राप्त किया।


5. दोनों धर्मों ने नैतिक आचरण पर बल दिया।


6.आरंभ में दोनों ने संस्कृत भाषा का विरोध किया। दोनों धर्मों के प्रवर्तको ने अपने उपदेश जनसाधारण की भाषा में दिए।


7. दोनों धर्मों ने वेदों में विश्वास प्रकट नहीं किया।


8. दोनों धर्मों ने कर्म सिद्धांत को स्वीकार किया और यह विश्वास प्रकट किया कि मनुष्य को अपने कर्मों के अनुसार फल की प्राप्ति होती है।


9. दोनों धर्मों ने मोक्ष्य अथवा निर्वाण की प्राप्ति को मनुष्य का परम लक्ष्य स्वीकार किया।


10. दोनों धर्मो ने ईश्वर में अविश्वास प्रकट किया।


उत्तर 22. कबीर कहते हैं कि जो इस कथन का रहस्य जानता है उसी की बात सदा प्रामाणिक मानी जाएगी।

उलटवासी  में योगी की अंतरंग और बहिरंग स्थिति का वर्णन है। गीता में कहा गया है कि जब संसार जागता है तो योगी सोता है। और जब योगी सोता है तो संसार जागता है अर्थात संसारी और माया मुक्त योगी की स्थिति एक दूसरे से सर्वथा उल्टी होती है।


उत्तर 23. महात्मा गांधी को लगता था कि वह बहुत सांस्कृतिक भाषा है विविध समुदाय के बीच संसार की आदर्श भाषा हो सकती है वह हिंदुओं और मुसलमानों को उत्तर और दक्षिण के लोगों को एकजुट कर सकते हैं इसलिए उन्हें हिंदुस्तानी भाषा में राष्ट्रीय भाषा होने की सभी गुण दिखाई देते थे।





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